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बिजनेस

म्यूचुअल फंड में शुद्ध निवेश 10 महीनों में सबसे कम, लगातार हो रही गिरावट

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नई दिल्ली। शेयर बाजार (Stock Market) में अगस्त माह में अच्छी तेजी देखने की मिली, लेकिन म्यूचुअल फंड निवेशकों का रुख बाजार से थोड़ा अलग रहा। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगस्त में इक्विटी म्यूचुअल फंड में 6,120 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ है, जो पिछले 10 महीनों में सबसे कम है। यह लगातार 18वां महीना है, जब देश में म्यूचुअल फंड में आ रहे शुद्ध निवेश में गिरावट हुई है।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (AMFI) की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, इक्विटी म्यूचुअल फंड में जुलाई में 8898 करोड़, जून में 15,495 करोड़, मई में 18,529 करोड़ और अप्रैल में 15,890 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था। अगस्त से पहले इक्विटी में न्यूनतम शुद्ध निवेश पिछले साल अक्टूबर 2021 में 5,215 करोड़ रुपये का आया था।

इक्विटी म्यूचुअल फंड में शुद्ध निवेश मार्च 2021 के बाद से लगातर देखा जा रहा है। इससे पहले जुलाई 2020 से लेकर फरवरी 2021 के 46,791 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी देखने को मिली थी।

अन्य म्यूचुअल फंड में शुद्ध निवेश

इक्विटी के अलावा डेट म्यूचुअल फंड में अगस्त महीने में 49,164 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश रहा, जो कि जुलाई में केवल 4,930 करोड़ रुपये था। वहीं, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में 6,601 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी और गोल्ड ईटीएस फंड में 38 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी देखी गई है।

म्यूचुअल फंड योजनाओं में आ रहा बड़ा निवेश

अगस्त महीने में देश में मौजूद म्यूचुअल फंड योजनाओं में 65,077 शुद्ध निवेश देखने को मिला है, जो जुलाई में 23,605 करोड़ रुपये था। इसके साथ ही देश में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का आकार अब बढ़कर 39.34 लाख करोड़ रुपये हो गया है। जबकि जुलाई माह में यह 37.75 लाख करोड़ था।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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