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ट्रूकॉलर के इस फीचर से कोई आपको गाली देने की हिम्मत नहीं कर सकता, जानिए कौन और कैसे कर सकता है इस्तेमाल?

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नई दिल्ली। फोन में केवल एक ऐप होने की वजह से आप खुद को सुरक्षित महसूस करते है। आपको लगता है कोई आपको जानबूझ कर फोन कर के परेशान नहीं कर पाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रूकॉलर नाम की इस ऐप से आप हर कॉलर की पहचान से वाकिफ़ हो सकते हैं और इसके बाद की प्रकिया को आप अपने विवेक से अंजाम देते हैं। लेकिन अब ट्रूकॉलर की ओर से आपकी सुरक्षा में एक इज़ाफा और होने वाला है। अब आप ट्रूकॉलर के नए फीचर से किसी भी कॉल को रिकॉर्ड कर सकते हैं।

कंपनी इस फीचर का 14 दिन का फ्री ट्रायल दे रही है। लेकिन इसके बाद आपको इसके लिए पैसे देने पड़ेंगे। ट्रूकॉलर के सपोर्ट पेज पर दी गई जानकारी के मुताबिक इस फीचर को यूजर्स की मांग पर दिया गया है। कंपनी का कहना है कि रिकॉर्ड की गई कॉल डिवाइस में सेव हो जाएगी और यह ट्रूकॉलर के सर्वर पर अपलोड नहीं होगी। कंपनी ने यह भी कहा है कि यूजर्स की कॉल रिकॉर्डिंग को रीड या उसकी प्रोसेसिंग नहीं करती है क्योंकि कंपनी यूजर्स की प्राइवेसी का सम्मान करती है। इस फीचर के लिए ट्रूकॉलर स्टोरेज का ऐक्सेस मांगेगा ताकि रिकॉर्डिंग को वहां सेव किया जा सके। इस फीचर को इनेबल करने के लिए आपको सेटिंग में जना होगा इसके बाद “Truecaller call recording” को ओपन करना होगा और इसके बाद इसे आप इनेबल कर सकते हैं।

इस फीचर का इस्तेमाल सभी स्मार्टफोन यूजर्स नहीं कर सकेंगे। कंपनी का कहना है कि जो यूजर्स ऐंड्रॉयड 5.0 या उसके बाद के वर्जन का इस्तेमाल कर रहे हैं वो ही इस फीचर का इस्तेमाल कर सकेंगे। सबसे अजीब बात यह है कि यह फीचर एंड्रॉयड .7.1.1 नूगा पर रन करने वाली डिवाइस को सपोर्ट नहीं कर रहा है। इन डिवाइसेज में नेक्सस, पिक्सल और मोटो जी4 जैसी डिवाइस शामिल हैं।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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