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कांगो में इबोला के मिले नए मरीज, अबतक कुल 14 मामले सामने आए

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कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में स्वास्थ्य मंत्रालय ने इबोला के 11 नए मामलों की पुष्टि की है। इस तरह इबोला से मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। सरकार की ओर से गुरुवार देर शाम जारी बयान में यह जानकारी दी गई।

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 10 संदिग्ध मामलों, 21 संभावित मामलों और 14 पुष्टि हुए मामलों के साथ इबोला के कुल मामले बढ़कर अब 45 हो गए हैं। सीएनएन के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात की पुष्टि की है कि इबोला वायरस रोग के नए मामले की पुष्टि वांगटा में हुई है।

इबोला से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भेजी गई पहली 4,000 वैक्सीन की खेप बुधवार को राजधानी किन्शासा पहुंच चुकी है । संगठन के मुताबिक, आरवीएसवी-जेबोव नाम का वैक्सीन इबोला वायरस के खिलाफ काफी प्रभावी है।

इबोला पश्चिमी अ‍फ्रीका में हजारों लोगों की जान ले चुकी है। शुरूआत किसी भी वायरल इन्‍फेक्‍शन की तरह होती है। सरदर्द, बुखार, चक्‍कर, पेटदर्द, उल्‍टी के बाद कमजोरी। 90 फीसदी मामलों में रोगी की मौत हो जाती है। कोई दवा या टीका ऐसा विकसित नहीं किया जा सका है जिससे इसे रोकने या ठीक करने में कामयाबी मिल सके । 1970 के दशक में इस वायरस की खोज कांगो की इबोला नदी के किनारे हुई थी इसीलिए इसका नाम इबोला पड़ गया।

इबोला के मामले सबसे पहले 1976 में सामने आए। फल खाने वाले चमगादड़ में  इबोला वायरस प्राकृतिक तौर पर पनपते हैं। इनसे चमगादडों को कोई खतरा नहीं होता है। लेकिन कहा जाता है कि गिनी देश के एक बच्‍चे ने इसी तरह के एक चमगादड़ का मांस खा लिया और अब यह बीमारी महामारी का रूप ले चुकी है। चमगादड़ों की प्रतिरोधक क्षमता इंसानों से अलग है इसी वजह से वे इस बीमारी से बचे हुए हैं।

मरीज मौत के बाद भी वायरस बांटता रहता है

इस वायरस की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह सांस से नहीं फैलता बल्कि मरीज के पसीने, लार या दूसरे शारीरिक द्रव्‍य के संपर्क में आने से फैलता है। इसीलिए इबोला के मरीज के मरने के बाद भी उसके अंतिम संस्‍कार में शामिल होने वाले लोगों के इससे संक्रमित होने का खतरा ज्‍यादा रहता है। इसी वजह से जिन अफ्रीकी देशों में इबोला फैला हुआ है, वहां की सरकारें मरीजों के शव अंतिम संस्‍कार के लिए नहीं दे रही हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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