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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार का नया कीर्तिमान, वीरगाथा 4.0 प्रोजेक्ट में 45 लाख से अधिक नामांकन के साथ देश में यूपी अव्वल

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वीरगाथा 4.0 प्रोजेक्ट में अभूतपूर्व प्रदर्शन कर देश में पहला स्थान अर्जित कर एक बार फिर खुद को अव्वल साबित किया है। 45 लाख से अधिक छात्रों के नामांकन के साथ पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त करते हुए खुद की पीठ थपथपाने वाली दिल्ली सरकार को आईना दिखाया है। इस मामले में दिल्ली सरकार को दूसरे स्थान पर संतोषा करना पड़ा है।

योगी सरकार की इस अभूतपूर्व उपलब्धि के साथ, उत्तर प्रदेश ने वीरगाथा प्रोजेक्ट में एक नया मानक स्थापित किया है, जिससे न केवल छात्रों में वीरता के प्रति सम्मान बढ़ा है, बल्कि उनकी रचनात्मकता और प्रेरणा का भी विकास हुआ है।

इस वर्ष दर्ज हुई 06 लाख 24 हजार 559 की नामांकन वृद्धि

शिक्षा के क्षेत्र में यूपी के इस प्रयास से उत्तर प्रदेश ने 45 लाख 24 हजार 559 छात्रों के नामांकन के लक्ष्य को प्राप्त किया है। यूपी ने पिछले वर्ष के वीरगाथा 3.0 प्रोजेक्ट में 39 लाख के नामांकन की संख्या को पार करते हुए इस वर्ष 6 लाख 24 हजार 559 की वृद्धि दर्ज कराई है। इस वर्ष के आंकड़े बताते हैं कि हर जिले ने भागीदारी में वृद्धि की है, जिससे यह सफलता संभव हुई है।

उत्तर प्रदेश ने कराया दिल्ली से 27 लाख 16 हजार 03 अधिक नामांकन

वीरगाथा 4.0 प्रोजेक्ट में दिल्ली ने 18 लाख 08 हजार 556 नामांकन के साथ द्वितीय स्थान और बिहार ने 13 लाख 91 हजार 187 नामांकन के साथ तृतीय स्थान प्राप्त किया है। उत्तर प्रदेश ने दिल्ली से 27 लाख 16 हजार 03 और बिहार से 31 लाख 33 हजार 372 अधिक नामांकन कर यह उपलब्धि प्राप्त किया है।

यूपी के सभी जनपदों ने दर्ज कराई अपनी भागीदारी

आंकड़े बता रहे हैं कि इस वर्ष का नामांकन अब तक का सर्वाधिक है और उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक नामांकन हुए हैं। योगी सरकार की अगुवाई में इस वर्ष यूपी ने अपने सभी जिलों में भागीदारी बढ़ाकर न केवल एक नया रिकॉर्ड बनाया, बल्कि वीरता और प्रेरणा के क्षेत्र में देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करने में भी सफलता पाई है।

यूपी ये जनपद हैं, देश के शीर्ष 50 में शामिल

आंकड़ों के अनुसार, देश के 50 सर्वाधिक भागीदारी वाले जिलों में उत्तर प्रदेश के 18 जिलों ने अपनी जगह बनाई है। देश के शीर्ष पर रहने वाले उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में पीलीभीत (2,92,756), बुलन्दशहर (2,68,852), सन्त कबीर नगर (2,35,934), लखीमपुर खीरी (1,32,414), सिद्धार्थनगर (1,24,950), हरदोई (1,22,973) और लखनऊ (1,19,908) शामिल हैं। इनके अलावा देश के 50 शीर्ष जनपदों में महराजगंज (1,14,227), प्रयागराज (1,12,041), वाराणसी (1,04,460) ने भी जगह बनाने में सफलता अर्जित की है। सूची में यूपी के चित्रकूट (95,583), सम्भल (92,953), उन्नाव (89,358), देवरिया (83,292), बिजनौर (82,300), रामपुर (79,180), कानपुर देहात (78,641) और मुजफ्फरनगर (69,086) ने भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।

शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि इस वर्ष वीरगाथा 4.0 के अंतर्गत ऑनलाइन नामांकन 16 सितंबर से 31 अक्टूबर 2024 तक किए गए। इस परियोजना में कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को शौर्य पुरस्कार विजेताओं पर आधारित रचनात्मक गतिविधियों जैसे कविता, निबंध, कहानी, पेंटिंग और वीडियो प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिएरक्षार्थ ऑनलाइन नामांकन आमंत्रित किये गये थे। प्रदेश के सभी विद्यालयों की भागीदारी से यह सफलता अर्जित हुई है।

क्या है वीरगाथा 4.0 प्रोजेक्ट
वीरगाथा प्रोजेक्ट, रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय का एक संयुक्त कार्यक्रम है, जिसे 2021 में Gallantry Awards Portal (GAP) के अंतर्गत शुरू किया गया था। इसका प्रमुख उद्देश्य, छात्रों को सशस्त्र बलों के वीर जवानों की प्रेरक कहानियों से जोड़ना है।

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उत्तर प्रदेश

जनहित के लिए बजट की कमी नहीं, परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करें: मुख्यमंत्री योगी

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● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 में बजट प्राविधान के सापेक्ष शासन द्वारा जारी स्वीकृतियों/विभागाध्यक्ष द्वारा आवंटित धनराशि/व्यय तथा भारत सरकार से लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्त धनराशि की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। विभागवार समीक्षा के उपरांत मुख्यमंत्री जी ने व्यापक जनहित के विकास कार्यों में तेजी लाने, परियोजनाओं की गुणवत्ता व समयबद्धता सुनिश्चित करने सहित अनेक दिशा-निर्देश दिए।

● वित्तीय वर्ष 2024-25 के 07 माह व्यतीत हो चुके हैं। सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए। आवंटन और व्यय में तेजी की अपेक्षा है। विभाग स्तर भी पर खर्च की समीक्षा भी जाए। जिन विभागों में अब तक 55 फीसदी से कम व्यय हुआ है, वहां संबंधित मंत्रीगण स्वयं विभागीय स्थिति की समीक्षा करें।

● आगामी वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के लिए बड़ा अवसर है। प्रयागराज महाकुम्भ के आयोजन में सभी विभागों की भूमिका है। अतः सभी विभाग महाकुम्भ से जुड़ी विभागीय परियोजनाओं को शीर्ष प्राथमिकता दें। मुख्य सचिव स्तर से इसकी सतत मॉनीटरिंग की जाती रहे। महाकुम्भ में आने वाले बहुतायत श्रद्धालु और पर्यटक काशी, अयोध्या, मथुरा और विंध्यवासिनी धाम भी जाएंगे, ऐसे में इन पवित्र स्थलों की सुविधा और सुरक्षा की भी गहन समीक्षा की जाए।

● गौतमबुद्ध नगर जनपद और बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) में रजिस्ट्री कार्यालयों की संख्या बढाएं। बीडा के विकास की कार्यवाही में तेजी अपेक्षित है। इसके प्रगति की सतत समीक्षा भी की जाए।

● लगातार प्रयासों से आज प्रदेश का सीडी रेशियो 60 फीसदी हो गया है। इसी प्रकार सभी जिलों को प्रयास करना होगा। हर जिले में स्थानीय अधिकारी बैंकों के साथ संवाद बनाएं, लोगो को लाभ दिलाएं। हर जिले का सीडी रेशियो कम से कम राज्य औसत के बराबर होना चाहिए।

● एक जिला एक उत्पाद योजना ने स्थानीय शिल्पकला/उद्यम को बड़ा प्रोत्साहन दिया है। इसकी अद्यतन स्थिति की जिलावार समीक्षा की जाए। ओडीओपी उत्पादों की डिमांड का आकलन कर उस अनुरूप सप्लाई सुनिश्चित कराएं। निर्यात बढ़ोतरी के लिए सभी जिलों को प्रयास करना होगा।

● स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजनांतर्गत युवाओं को टैबलेट/स्मार्टफोन वितरित किए जाने की कार्यवाही तेज करें। इन टैबलेट/स्मार्टफोन में सरकार के लोककल्याणकारी योजनाओं/कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए।

● आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा हमें हर संभव सहायता मिल रही है। केंद्र से सामंजस्य स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त करें। विभागीय मंत्री एवं विभागीय अधिकारी भारत सरकार के मंत्रीगणों/अधिकारियों से संवाद करें। केन्द्रांश के अभाव में परियोजना बाधित न रखें। नियमानुसार राज्यांश जारी कर कार्य जारी रखा जाए। सभी विभाग शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भेजना सुनिश्चित करें।

● आत्मनिर्भर नगर पंचायत और आत्मनिर्भर जिला पंचायत के लिए हर स्तर पर प्रयास करना होगा। पंचायतों को आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें। आश्रम पद्धति विद्यालयों में छात्रावासों के मेंटेनेंस कराया जाना आवश्यक है।

● आगामी दिनों में किसानों को खाद की आवश्यकता होगी, कृषि और सहकारिता विभाग मिलकर यह सुनिश्चित करें कि खाद की पर्याप्त उपलब्धता हो और सभी किसानों को यह आसानी से मिल जाए। यह सुनिश्चित करें कि खाद की कालाबाजारी न हो।

● ग्राम्य विकास, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, समाज कल्याण, नगर विकास, बेसिक शिक्षा, सिंचाई, आवास एवं शहरी नियोजन, राजस्व जैसे विभागों की अनेक योजनाएं सीधेतौर पर आम जनता को प्रभावित करने वाली हैं। इनमें बजट आवंटन और व्यय में तेजी की आवश्यकता है।

● मेडिकल कॉलेज में लगाए जा रहे उपकरणों की गुणवत्ता मानक के अनुरूप हो। खराब गुणवत्ता/अधोमानक उपकरणों की आपूर्ति पर संबंधित की जवाबदेही तय की जाए।

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