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मुख्य समाचार

निदा फाजली एक नायाब शख्सियत

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निदा फाजली एक नायाब शख्सियत

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रश्मि यादव

जब तक वो साथ थे दिन था

अब वो नहीं है तो शाम हो गयी है।।

निदा फाजली जी की मौत की खबर सुनकर उनकी यह गजल अचानक जेहन में आ गई। निदा फाजली जी का जन्म अविभाजित भारत में 1938 में दिल्ली में हुआ था। इसलिए शायद उन्होंने हमेशा हिन्दुस्तान पाकिस्तान के बीच अच्छे सम्बन्धों को बनाने की कोशिश की। अपने पाकिस्तान दौर से लौट कर लिखी उनकी ये लाइने यही इशारा करती हैं-

इन्सान में हैवान यहॉं भी हैं वहॉं भी

अल्लाह निगाहबान यहॉं भी है वहॉं भी।।

निदा फाजली जी शायरी मजहब की जंजीरों से आजाद रही क्योंकि जितना वो मीर और गालिब से प्रभावित थे उतना ही वे मीरा और सूरदास के प्रशंसक थे। उन्होंने हमेशा धार्मिक भेदभाव व संकीर्णता का विरोध किया।

मंदिरों में अज़ानों में बंट गया।

वह इन्सान खानों में बंट गया।।

उन्होंने हमेशा दिखावे व ढकोसलों की बजाय मानवता को सर्वोपरि माना-

घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूं कर लें।

किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए।।

मशहूर गज़ल गायक जगजीत सिंह ने निदा फाजली की कई गज़लों को अपनी आवाज से सजाया। इसलिए शायद अपने दोस्त की जन्मदिन की महफिल सजाने निदा फाजली साहब पहुंच गए उनके पास-

हर कर्ज दोस्ती का अदा कौन करेगा।

जब हम ही नहीं रहेंगे तो दोस्ती कौन करेगा।।

निदा फाजली जी के जाने से उनके चाहने वालों के जीवन में जो खालीपन हो गया है उसे कभी भी भरा नहीं जा सकता।

उसको रूखसत तो किया था, मुझे मालूम न था।

सारा घर ले गया, घर छोड़ के जाने वाला।। 

 

 

 

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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