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उत्तर प्रदेश

बढ़ीं निखत अंसारी की मुश्किलें, मिली तीन दिन की रिमांड; सस्पेंड जेल अधिकारियों पर भी कसेगा शिकंजा

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Nikhat Ansari is 200 meters away from her husband in jail

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लखनऊ। चित्रकूट जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक पुत्र अब्बास अंसारी की पत्नी निखत अंसारी की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक निखत को तीन दिन और ड्राइवर नियाज को पांच दिन तक चित्रकूट पुलिस की रिमांड में रहना होगा।
लखनऊ की एंटी करप्शन कोर्ट ने दोनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। पुलिस दोनों से मुलाकात से जुड़े सवाल कर सकती है। दोनों आरोपियों की पुलिस रिमांड शुक्रवार सुबह दस बजे से शुरू होगी।

निखत अंसारी और उसके ड्राइवर को गुरुवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। सरकारी वकील की तरफ से दोनों आरोपियों की रिमांड के लिए एप्लीकेशन दी गई थी।

दूसरी तरफ विपक्ष के वकील ने कहा था कि शासन निखत को फर्जी फंसा रहा है। वो एक साल के बच्चे की मां हैं। इसलिए उनको धारा-487 के तहत जमानत दी जाए।

अफसरों की कुंडली खंगालेगी ED

निलंबित जेलर संतोष कुमार, वार्डर जगमोहन समेत अन्य जेल कर्मियों पर अब ED शिकंजा कसने वाला है। बता दें कि निखत से मिले महंगे गिफ्ट की जांच भी ED करेगी।

सूत्रों के अनुसार, निलंबित जेलर संतोष कुमार ने हाल में महंगी कार खरीदी है। यह कार मऊ यानी अब्बास के गृह जनपद से खरीदी गई है। साथ ही वार्डन जगमोहन ने भी एक लग्जरी कार खरीदी है।

पुलिस का कहना है कि इसे उपहार के तौर पर निखत ने दी थी। कई ऐसे अफसर हैं, जिन्हें भी काफी महंगे तोहफे मिले हैं। सभी की कुंडली खंगाली जाएगी। जिसके लिए जल्द ही अफसरों की टीम पहुंचेगी। निखत को गिरफ्तार करने के बाद मेडिकल के लिए ले जाया गया था।

हर दिन 3-4 घंटे होती थी मुलाकात
बता दें कि बीते शुक्रवार को अब्बास अंसारी से मुलाकात करने पहुंचीं पत्नी निखत को गिरफ्तार कर लिया गया था। जिस कमरे में निखत मिली थी, उसमें बाहर से ताला बंद था। DM-SP ने खुद अपने सामने ताला खुलवाया। निखत हर दिन अवैध तरीके से जेल में अब्बास से 3-4 घंटे मुलाकात करती थी।

अब्बास को कासगंज जेल किया गया शिफ्ट

निखत की तलाशी लेने पर 2 मोबाइल और सोने जैसी धातु की दो रिंग, 2 नोज पिन, दो कंगन, दो चेन, और नगद 21 हजार रुपए समेत 12 रियाल (विदेशी मुद्रा) बरामद किए गए थे।

इस कार्रवाई के बाद माफिया पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को बुधवार को चित्रकूट से कासगंज जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।

मामले में जेलर संतोष कुमार पांडेय, डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय और 5 जेल वार्डन को सस्पेंड कर दिया गया है। जेल सुपरिटेंडेंट अशोक सागर को सस्पेंड करने की सिफारिश शासन से की गई। उन्नाव के जेलर राजीव कुमार को सिंह चित्रकूट जेल का प्रभार दिया गया है।

2 जनवरी से चित्रकूट में किराए के मकान में रह रही थी निखत

विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत अंसारी चित्रकूट में जिस मकान में किराए पर रह रही थी। पुलिस ने सोमवार की देर शाम उसको सील कर दिया है।

पुलिस ने मकान मालिक को पूछताछ के लिए बुलाया था। निखत बानो ने मुख्यालय कर्वी से सटे बैंक कॉलोनी विकासनगर कपसेठी में दो जनवरी को किराए पर ये मकान लिया था।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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