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मुख्य समाचार

पीएम मोदी से पहले प्रयागराज पहुंचेगा ‘निषादराज’

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प्रयागराज,|  महाकुंभ 2025 को सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार इसे दिव्य, भव्य और अविस्मरणीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। महाकुंभ के लिए प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के साथ ही इस आयोजन को उनके लिए यादगार बनाने को अनेक नए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में 13 दिसंबर को पीएम मोदी के आगमन से पूर्व अत्याधुनिक सुविधाओं वाले क्रूज को काशी से प्रयागराज लाए जाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके लिए काशी के डीएम को मेला प्राधिकरण की ओर से प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है। इस पर जल्द निर्णय होने की संभावना है। सबकुछ सही रहा तो जलमार्ग से निषादराज क्रूज के 5 दिसंबर तक प्रयागराज आने की संभावना है। वहीं अलकनंदा और विवेकानंद क्रूज को भी लिए जाने का प्रयास किया जा रहा है। ये क्रूज महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन सकते हैं।

5 दिसंबर तक क्रूज के आने की संभावना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में डबल इंजन की सरकार इस बार महाकुंभ को अब तक के सभी कुंभ से ज्यादा आकर्षक और वृहद बनाने की तैयारी कर रही है। क्रूज को महाकुंभ में उतारने का निर्णय इसी का उदाहरण है। पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 दिसंबर को प्रयागराज आने से पूर्व निषादराज क्रूज प्रयागराज पहुंच जाएगा। इसके लिए मेला प्रशासन की ओर से वाराणसी के डीएम को प्रस्ताव भेजा गया है। पूरी उम्मीद की जा रही है कि डीएम की अनुमति मिलने के बाद निषादराज क्रूज का संचालन कर रही निजी कंपनी को इसे काशी से प्रयागराज भेजने की तैयारी करने के निर्देश दिए जा सकते हैं। मेला प्रशासन इसे 5 दिसंबर तक यहां लाने की योजना बना रहा है, ताकि पीएम मोदी के आगमन पर उनके सामने इसे प्रस्तुत किया जा सके।

पूरी तरह प्रदूषण रहित और वातानुकूलित हैं क्रूज

महाकुंभ के साक्षी बनने जा रहे अति आधुनिक क्रूज प्रदूषण रहित और वातानुकूलित भी हैं। बिजली से चलने वाले निषाद राज क्रूज से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता। इन क्रूज में 100 से अधिक लोग एक साथ सुरक्षित यात्रा कर सकते हैं। इसके साथ ही उनके खाने-पीने का भी इसमें बहुत ही शानदार इंतजाम रहेगा। इसके अलावा क्रूज में लगी एलईडी श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण बनने जा रही हैं। संगम के दौरान सफर करने वाले यहां के ऐतिहासिक मंदिरों, धार्मिक स्थलों के साथ-साथ अखाड़े समेत तमाम विशेषताओं को सजीव देख सकेंगे।अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया की अत्याधुनिक सुविधाओं वाले क्रूज को प्रयागराज तक लाने में कोई दिक्कत न आने पाए, इसकी पुख्ता तैयारी की जा रही है। निषादराज क्रूज के साथ ही यहां पर एसपीजी के विशेष दस्ते भी सुरक्षा इंतजाम को पुख्ता करेंगे।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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