साइंस
जलवायु परिवर्तन के कारण उत्तरी ध्रुव हरा हो रहा : नासा
वाशिंगटन| उपग्रह से मिले 19 साल के आंकड़ों का इस्तेमाल करके अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि उत्तरी ध्रुव के आस पास के क्षेत्रों में बहुत अधिक हरियाली पाई गई है। इसकी वजह बढ़ता तापमान है।
अध्ययन में कहा गया है कि उत्तरी अमेरिका के उत्तरी छोर पहले से हरा हो रहा है। इसमें अलास्का से लेकर कनाडा तक के पौधों का सर्वाधिक विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध कराया गया है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि बदलते जलवायु में उत्तरी ध्रुव की लगभग एक तिहाई भूमि जिनमें अधिकांश उर्वरा नहीं है, ऐसी लग रही है जैसे गर्म पारिस्थितिकी तंत्र में भूदृश्य लगता है।
लैंडसेट उपग्रहों से ली गईं करीब 87 हजार तस्वीरों से शोधकर्ताओं ने पाया कि पश्चिमी अलास्का, क्यूबेक और अन्य क्षेत्र वर्ष 1984 और 2012 के बीच पहले से अधिक हरे हुए।
शोधकर्ताओं में शामिल मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट स्थित नासा के गॉडार्ड अंतरिक्ष उड़ान केंद्र के जेफरी मासेक ने कहा कि यह ऊंचाई वाले स्थानों पर वनस्पतियों पर जलवायु के प्रभाव को दर्शाता है।
उत्तरी ध्रुव में तापमान तेजी से बढ़ रहा है जिसकी वजह से पौधों को बढ़ने और भूमि में परिवर्तन लाने के लिए अधिक समय मिल रहा है।
वैज्ञानिकों ने पाया है कि क्षेत्र का 29.4 फीसदी इलाका हरा हो गया है। जबकि 2.9 फीसदी वनस्पतियों में कमी आई है।
यह अध्ययन रिपोर्ट ‘रिमोट सेंसिंग ऑफ एनवायन्मेंट’ में प्रकाशित हुई है।
साइंस
फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में
नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।
होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
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