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अब प्रदेश में छात्रों को पारदर्शी तरीके से नौकरी मिलती है : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नियुक्ति पत्र पाने वालों के लिए अवसर है, लेकिन हमें जिम्मेदारियां भी समझनी होगी। प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि अधिकार की बात हर कोई करता है, लेकिन कर्तव्य के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। अधिकार से अधिक कर्तव्य महत्वपूर्ण है, कर्तव्य का निर्वहन करेंगे तो अधिकार सुरक्षित हो जाएगा। जब समाज अधिकारों की बात करता है और कर्तव्यों की बात नहीं करता तो वह स्वयं को धोखा देता है। कर्तव्य किया तो बिना सिफारिश, बिना भेदभाव आपका चयन हुआ। पारदर्शी प्रक्रिया के तहत राज्य में साढ़े छह वर्ष में छह लाख लोगों को नौकरी मिली। सीएम ने कहा कि हमारा परिश्रम ही सबसे बड़ा सर्टिफिकेट है। परिश्रम की पराकाष्ठा करते हुए आपको यूपी के सर्वांगीण विकास में योगदान देना चाहिए।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा आयोग द्वारा चयनित 242 सहायक बोरिंग टेक्नीशियन को रविवार को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरण करते हुए कहीं। सीएम ने नवचयनितों को पीएम मोदी के पंच प्रण की भी याद दिलाई।
2017 के पहले यूपी में नौकरी नहीं थी और बाहर छंटनी होती थी
सीएम ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था, केंद्र-प्रदेश सरकार की योजनाओं व स्वतः रोजगार के जरिए करोड़ों लोगों को रोजगार से जोड़ने में सफलता पाई। हमारी मंशा है कि युवाओं के साथ भेदभाव न हो। जिन्हें विकास अच्छा नहीं लगता, वे हर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास करते हैं। ऐसे लोग नहीं चाहते कि विकास की प्रक्रिया में यूपी को आगे बढ़ा सकें। 2017 के पहले जिस राज्य को अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में होना चाहिए, वह पिछड़ता गया। उस समय देश में यूपी छठवें स्थान पर था। यूपी के नौजवान यहां नौकरी नहीं पाते थे और बाहर जाने पर यूपी का होने के कारण छंटनी हो जाती थी, लेकिन आज युवा व नागरिक सम्मानजनक व्यवहार पाते हैं। अब तो पारदर्शी तरीके से नौकरी, रोजगार व स्वरोजगार भी है।
विरासत में हमें समृद्ध जल संपदा मिली, इसके संरक्षण का दायित्व हमारा
सीएम ने चयनित बोरिंग टेक्नीशियन से कहा कि सिर्फ ट्यूबवेल ऑन-ऑफ करना ही हमारी जिम्मेदारी नहीं है। यहां पर्याप्त जल संसाधन है। हमारे पास भूजल और सरफेस वाटर भी है तो सदानीरा नदियां भी हैं। इसने यूपी की धरा को उर्वरा भूमि के रूप में स्थापित करने में मदद की है। यूपी में 70 फीसदी सिंचाई भूजल से होती है। शेष 30 फीसदी सिंचाई के लिए नहरें आदि बिछाई हैं। 80 फीसदी आबादी को भूगर्भीय जल से पेयजल की आपूर्ति करते हैं। यूपी औद्योगिकीकरण के नए युग में प्रवेश कर रहा है। उद्योगों में 85 फीसदी भूगर्भीय जल की आपूर्ति होती है। प्रकृति व परमात्मा ने हमें अमूल्य निधि दी है। विरासत में हमें समृद्ध जल संपदा मिली, लेकिन इसके संरक्षण का दायित्व हमारा होना चाहिए। एक ओर पेयजल, सिंचाई व उद्योगों के लिए जलापूर्ति करनी है, लेकिन पानी के एक-एक बूंद का संरक्षण भी करना है।
हर राज्य के पास यूपी जैसा सौभाग्य नहीं
सीएम ने कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। यूपी जैसे राज्य में वर्षा देर से आने पर भी हम खेतीबाड़ी कर लेते हैं। मॉनसून विलंब से आने पर भी धान की बिठौनी समय से प्रारंभ हो गई। अधिकांश क्षेत्रों में किसानों को संकट नहीं उठाना पड़ा। ट्यूबवेल, नहरों में पानी, बिजली आदि की सुविधा थी, लेकिन हर राज्य के पास ऐसा सौभाग्य नहीं है। आजादी के समय यूपी में छह करोड़ लोग रहते थे, लेकिन आज आबादी 25 करोड़ हो गई है। जल के संरक्षण की उचित व्यवस्था न होने से प्रदूषण की समस्या खड़ी हुई। उद्योगों की लंबी फेहरिस्त है। जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर, चेकडैम बनाने व अटल भूजल योजना के तहत अनेक कार्यक्रम भी हुए। सीएम ने आह्वान किया प्रदेश के अतिदोहित जनपदों व विकासखंडों को सामान्य के रूप में बदल सकें। क्रिटिकल को सेमीक्रिटिकल, डार्क को सामान्य जनपदों में लेकर आना है।
इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव, सचिव डॉ. बलकार सिंह आदि मौजूद रहे।
सीएम के हाथों 10 नवचयनितों को मिले नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 नवचयनितों मुकेश कुमार सिंह, अनिल कुमार, सनोज यादव, सौरभ कुमार वर्मा, दीक्षा गुप्ता, शुभम दीक्षित, प्रियंका सैनी, सचिन कुमार, विमल राजवंशी, मो. इमरान को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
2022 में डबल इंजन की सरकार आई तो रोजगार की बहार लाई
सीएम ने कहा कि 2022 में दूसरी बार डबल इंजन की सरकार आई तो भी युवाओं के लिए रोजगार की बहार लाई। उन्होंने बताया कि जेई (सिंचाई व जलसंसाधन) के 1438 अभ्यर्थी, उप्र लोकसेवा आयोग के द्वारा प्रवक्ता व सहायक अध्यापकों के 436 पद, 271 खंड विकास अधिकारी, 49 उपजिलाधिकारी, 110 नायब तहसीलदार, 31277 सहायक अध्यापक (बेसिक शिक्षा), 1160 डिप्टी कलेक्टर, बीएसए, प्रवक्ता, समीक्षा अधिकारी व गन्ना पर्यवेक्षक की नियुक्ति हुई। 267 नायब तहसीलदार, प्रवक्ता व सहायक अध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा किया गया। 332 आबकारी सिपाहियों की नियुक्ति हुई। 1354 स्टाफ नर्स, 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायक (कृषि सेवा), 9055 सब इंस्पेक्टर (सिविल, पीएसी, प्लाटून कमांडर व अग्निशमन अधिकारी), 2021 के चयनित 496 पीसीएस अफसरों को नियुक्ति पत्र दिया गया। विभिन्न विभागों के नवचयनित 795 अधिकारी, 7182 एएनएम, 1148 उप व सहायक उपनिरीक्षकों की भर्ती हुई। सीएम ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं (ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप, एशियन गेम्स) में पदक लाने वाले खिलाड़ियों को भी नियुक्ति पत्र दिया गया। पहली बार यूपी पुलिस में 277 आरक्षियों व दूसरी बार में 333 खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र दिया गया। 510 समीक्षा अधिकारी, 400 समीक्षा अधिकारी, कार्यशाला अनुदेशक व कनिष्ठ सहायक, 1573 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकत्री, 240 कनिष्ठ सहायक व 293 होम्योपैथिक फार्मासिस्ट की भर्ती प्रक्रिया को कुशलता पूर्वक संपन्न किया।
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संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज
नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।
संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।
बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”
घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।
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