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आध्यात्म

राम जन्मभूमि ट्र्स्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की रिपोर्ट आई कोरोना पॉज़िटिव

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श्रीराम जन्मभूमि ट्र्स्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की रिपोर्ट कोरोना पॉज़िटिव आई है। नृत्य गोपाल दास की ये खबर मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत नृत्य गोपाल दास, उनके समर्थकों और मथुरा के जिलाधिकारी से बात की है।

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साथ ही सीएम योगी ने मेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टर नरेश त्रेहान से भी बात की है और महंत नृत्य गोपाल दास को जरूरी मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।नृत्य गोपाल दास को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद उनका कोरोना टेस्ट कराया गया था, उन्हें ऑक्सीजन भी लगाया गया। नृत्य गोपाल दास इस समय मथुरा में है।

फिलहाल आगरा के सीएमओ और तमाम डॉक्टर्स नृत्य गोपाल दास के इलाज के लिए वहां पहुंचे हैं। नृत्य गोपाल दास हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दौरान मथुरा आते रहते हैं।

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व्रत एवं त्यौहार

CHHATH POOJA 2024 : जानें कब से शुरू होगी छठी मैया की पूजा, जानिए इसे क्यों मनाते हैं

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मुंबई। त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।

छठ पूजा क्यों मनाते है ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से सुख-शांति, समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और हमें प्रकृति के संरक्षण का महत्व सिखाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है.

छठ पर्व के 4 दिन

छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय.
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना.
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य.
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण

 

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