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ऑफ़बीट

OMG! इस नवजात बच्‍चे के नहीं हैं बीसों उंगलियां

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ठाणे। किसी कपल के जीवन में बच्‍चे का आना दुनिया की सबसे बड़ी खुशियों में से एक होता है। मगर कुमार दंपती के हाथ में जब उनका नवजात बच्चा आया तो उनकी खुशी मायूसी में बदल गई। उन्होंने अपने बच्चे के हाथ-पैर देखे तो उनकी आंखों में आंसू आ गए।

पेशे से सॉफ्टवेयर इंजिनियर जितेंद्र कुमार ने बताया कि उनके बच्चे के हाथ और पैर की उंगलियां नहीं है। वह बार-बार यह पूछकर रो पड़ते हैं कि वह कैसे खुद से कुछ खा पाएगा, कैसे पेन पकड़ पाएगा और कैसे कम्प्यूटर चला पाएगा।

डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की बीसों उंगलियां न होना दुर्लभ है। ऐसे बहुत कम मामले देखने को मिले हैं, जब हाथ और पैर में एक भी उंगली न हो।

जितेंद्र इस घटना को एक अलग नजरिए से देख भी रहे हैं। उनके मन में कई सवाल हैं। वह कहते हैं कि डॉक्टर अभी जिस केस को रेयर बता रहे हैं, यह बात उन्हें मेरी वाइफ के डायग्नॉस्टिक स्कैन में ही पता चल जानी चाहिए थी। प्रेग्नेंसी के समय हुए 6 में से एक स्कैन में भी किसी भी तरह की डिसेबिलिटी का पता कैसे नहीं चला?

कुमार ने कहा कि 12 जुलाई को ठाणे नर्सिंग होम में उन्हें जब स्त्री रोग विशेषज्ञ ने सिज़ेरियन सेक्शन डिलीवरी के दौरान बुलाया उन्हें तब पता चला कि बच्चे के हाथ-पैर की सभी उंगलियां नहीं हैं।

कुमार कहते हैं कि अगर मुझे पहले ये पता होता तो क्या मैं ऐसे बच्चे जिसकी बहुत खास जरूरतें हैं, ऐसे बच्‍चे को धरती पर लाता, वह भी तब जब मेरी आधी उम्र निकल चुकी है। तब क्या होगा जब मैं उसकी मदद के लिए नहीं बचूंगा?

पिछले पखवाड़े में कपल ने इंटरनेट पर इसके बारे में बहुत सर्च किया। तब उन्हें पता चला कि इस तरह की डिसेबिलिटी का पता पांचवे महीने में चल जाता है। कुमार ने कहा कि हम इसके लिए किसी पर दोष नहीं डाल रहे हैं, लेकिन हमें इसके बारे में पहले से ही पता होना चाहिए था।

दंपती कई तरह के ऐक्शन लेने के बारे में सोच रहा है पर फिलहाल वह बच्चे की देखभाल में व्यस्त है। कुमार ने कहा कि फिलहाल हमें बच्चे का बहुत ख्याल करने की जरूरत है। कानूनी लड़ाई में तो जाने कितने साल लग जाएंगे। कह नहीं सकते।

ऑफ़बीट

IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर

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नई दिल्ली। पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। पर्थ की पिच पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया कि टीम इंडिया का मजबूत बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।

टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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