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मुख्य समाचार

OMG! इन एसपी साहब ने पुलिसवालों को ही डाल दिया लॉकअप में, अब हो रहा विरोध

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पटना। बिहार के नवादा जिले के आरक्षी अधीक्षक (SP) ने कथित तौर पर पांच जूनियर पुलिसकर्मियों को दो घंटे के लिए लॉकअप में डाल दिया क्योंकि वह उनके प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं थे।

सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए जा रहे एक वीडियो में, बिहार के पांच पुलिसकर्मियों को लॉकअप के अंदर एक-दूसरे से बात करते देखा जा सकता है। वहीं एसपी गौरव मंगला ने इस आरोप को खारिज किया है। थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह ने भी इस घटना से इनकार किया है।

जानें क्यों भड़के एसपी?

थाने के हाजत में बंद पांचों पुलिसकर्मियों का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें साफ दिख रहा है कि पांचों करीब दो घंटे तक लॉकअप में बंद रहे और एक दूसरे से बात कर रहे हैं और घूम रहे हैं।  बताया रहा है एसपी 8 सितंबर की रात करीब 9 बजे नगर थाना पहुंचे।

केसेस का रिव्यू करने के दौरान कुछ अफसरों की लापरवाही सामने आई तो उन्हें हाजत में बंद कर दिया गया। बताया जा रहा है कि नवादा केस डायरी अपडेट नहीं होने के चलते यह कार्रवाई की गई।

बिहार पुलिस एसोसिएशन ने की न्यायिक जांच की मांग

दूसरी ओर बिहार पुलिस एसोसिएशन ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की। एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने एक बयान में कहा कि एसपी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने बार-बार कॉल का जवाब नहीं दिया।

हमारी नवादा शाखा में घटना होने के तुरंत बाद हमें जानकारी मिली और पुलिस कर्मियों के व्हाट्सएप समूहों पर भी इस पर चर्चा की जा रही है। इस तरह की घटनाएं औपनिवेशिक काल की याद दिलाती हैं। यह घटना  बिहार पुलिस की छवि को कलंकित कर सकती है। हम न्यायिक जांच और सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की मांग करते हैं।

एसपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग

बिहार पुलिस एसोसिएशन का आरोप है कि एसपी पीड़ित लोगों पर मामले को रफा-दफा करने का दबाव बना रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ का भी प्रयास किया जा सकता है। जल्द से जल्द जांच शुरू की जानी चाहिए और भारतीय दंड संहिता की उचित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।

मुख्य सचिव ने शीर्ष अधिकारियों को चेताया

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुभानी ने मामले का संज्ञान लेते हुए शीर्ष अधिकारियों को पत्र जारी कर अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार करने का निर्देश दिया है। सुभानी ने कहा कि बिना वजह असंसदीय भाषा के प्रयोग और उत्पीड़न की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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