उत्तर प्रदेश
मौर्य के बयानों पर सपा के महाब्राह्मण पंचायत में बोले अखिलेश- किसी भी धर्म पर टिप्पणी करना गलत
लखनऊ। पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे के साथ लोकसभा चुनाव में आगे बढ़ रही सपा अब ब्राह्मण समाज को भी साधने में जुट गई है। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में रविवार को आयोजित महाब्राह्मण महापंचायत इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद इस पंचायत में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और ब्राह्मण समाज से भाजपा को सत्ता से हटाने में साथ देने का आह्वान किया। महापंचायत में सपा का साथ देने के साथ ही पार्टी के पक्ष में प्रचार करने का भी निर्णय लिया गया।
अखिलेश ने नोटबंदी का बनाया मुद्दा
पार्टी मुख्यालय में आयोजित महाब्राह्मण (कर्मकांड कराने वाले ब्राह्मण) महापंचायत में सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार बढ़ा है। कालाधन बड़े पैमाने पर बढ़ रहा है। भारत को कर्जदार बनाया जा रहा है।
भाजपा सरकार से मुक्ति मिलने पर ही देश में खुशहाली आएगी। ब्राह्मण समाज के संघर्ष में सपा साथ रहेगी। उनकी हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि सपा सभी को साथ लेकर चलती है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार का काम जनता को धोखा देना है। वह लोगों को गुमराह करने में माहिर है।
भाजपा ने गरीबों के सम्मान को चोट पहुंचाई है। प्रदेश के विकास में भाजपा का कोई लेना देना नहीं है। पूंजीनिवेश के नाम पर सिर्फ तड़क भड़क सम्मेलन किए गए। भाजपा विकास के नाम पर सिर्फ पाखंड करती है। उसकी पूरी राजनीति झूठ छुपाने और सत्य पर पर्दा डालने की है।
इस मौके पर महाब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष टुनटुन पाण्डेय, राष्ट्रीय कार्यरत पार्टी के राम नक्षत्र पाण्डेय, शशि प्रताप सिंह, विधायक मनोज पाण्डेय व जयशंकर पाण्डेय ने भी अपने विचार रखे।
किसी भी धर्म को लेकर टिप्पणी करना गलत
बैठक में स्वामी प्रसाद मौर्य की विवादित बयान को लेकर भी नाराजगी दिखी। नेताओं ने कहा कि उनके बयान से पार्टी को नुकसान हो रहा है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बड़ा नुकसान स्वामी प्रसाद मौर्य की हिंदू व ब्राह्मणों पर की गई टिप्पणियां की वजह से हुआ है।
अखिलेश ने सभी की बात सुनने के बाद यह माना कि उनके बयान गलत हैं। किसी भी धर्म, जाति व वर्ग को लेकर टिप्पणी करना गलत है। हम सभी जाति व धर्मों का सम्मान करते हैं।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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