पंजाब
प्रचार के आखिरी दिन सीएम मान ने कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा पर जमकर बोला हमला
जालंधर। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मोहिंदर भगत के पक्ष में जमकर प्रचार किया। मुख्यमंत्री ने वार्ड नंबर 12, 75 और 36 में जनसभाएं की। उन्होंने लोगों से कहा कि ईवीएम पर झाड़ू का बटन पांचवें स्थान पर है, लेकिन उन्होंने भगत को पहले नंबर पर लाना है।
मुख्यमंत्री ने अपनी जनसभाओं में कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि भगवान सब कुछ अच्छे के लिए करता है। जालंधर वेस्ट के लोगों को ईमानदार विधायक मिलना था, इसीलिए एक भ्रष्ट व्यक्ति ने इस्तीफा दे दिया।
सीएम भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के लिए कहा कि मोहिंदर भगत नाम से भी भगत हैं और स्वभाव से भी भगत हैं। उन्होंने कहा कि जनता भगत को जिताएं, वे उन्हें मंत्री बनाएंगे।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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