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प्रादेशिक

कटी हुई उंगलियों का पहली बार हुआ सफल प्रत्यारोपण

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कटी हुई उंगलियों, पहली बार सफल प्रत्यारोपण, प्लास्टिक सर्जन डा. वैभव खन्ना

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कटी हुई उंगलियों, पहली बार सफल प्रत्यारोपण, प्लास्टिक सर्जन डा. वैभव खन्ना

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लखनऊ। एक 24 वर्षीय नवयुवक की दाहिने हाथ की बीच की तीन उंगलियां उस वक्त कटकर अलग हो गयीं जब वह एक कारख़ाने में मशीन पर कार्यरत था। उक्त घटना 26 जुलाई 2016 को घटित गोरख़पुर जिले के साहबजगंज इलाके की है जब युवक प्रवीन एक फैक्टरी में मशीन की सफाई कर रहा था कि अचानक उसके दाहिने हाथ के मध्य की तीनों उंगलियां मशीन में फंसकर कट गईं और हाथ से पूर्णतयाः अलग हो गईं। प्रवीन का परिवार उसे फौरन लेकर वहीं के एक सावित्री अस्पताल पहुंचा जहां डा. आसिफ मसूद नें इस परिवार को उपयुक्त परामर्श देते हुए मरीज को अविलम्ब किसी विशिष्ट चिकित्सा केन्द्र ले जाने की सलाह दी।

गौरतलब है कि ऐसी परिथितियों में हर एक पल मायने रख़ता है और बिना कोई वक्त बरबाद किए ऐसे मरीजों को तत्काल किसी विशिष्ट चिकित्सा केन्द्र पर ले जाना चाहिए व उपयुक्त तौर पर आपरेशन घटना के 4 से 6 घण्टे के अन्दर ही प्रारम्भ हो जाना चाहिए। प्रवीन का परिवार उसकी कटी हुई उंगलियों को सावधानीपूर्वक सहेजकर देर रात लखनऊ के गोमती नगर स्थित हेल्थ सिटी अस्पताल पहुंचा जहां प्रख्यात प्लास्टिक सर्जन डा. वैभव खन्ना के नेतृत्व में चिकित्सकों की एक टीम ने रात 10 बजे आपरेशन शुरू कर दिया।

लगभग 5 घण्टे के अथक प्रयास के बाद प्रवीन की कटी हुई तीनों उंगलियों को सफलतापूर्वक वापस प्रत्यारोपित कर दिया गया। एक आम आदमी के लिए उसका दाहिना हाथ व उंगलियां उसकी आजीविका का प्रमुख स्रोत होती हैं जिसपर उसका परिवार निर्भर करता है। प्रवीन के सफल आपरेशन में डा. वैभव खन्ना की टीम के अन्य विषेशज्ञ क्रमशः डा. रोमश कोहली, डा. एस.पी.एस. तुलसी, डा. प्रमेश अग्रवाल व डा. सुबोध कुमार का योगदान अतिप्रशंसनीय है।

मशीनों पर कार्य करने के दौरान अक्सर दुर्घटनावश लोगों के अंगों का मशीन के सम्पर्क में आ जाने से शरीर से विस्थापन हो जाता है। ऐसी घटनाओं के उपरान्त विस्थापित अंग को अतिसावधानीपूर्वक भीगे वस्त्र में लपेट कर उसे किसी साफ-सुथरे प्लास्टिक थैली में ड़ालकर बर्फ़ के डब्बे में रखना चाहिए जिससे की उसमें जीवन शेष रहे। विस्थापित अंग व मरीज को अविलम्ब किसी निकटतम विशिष्ट चिकित्सा केन्द्र में स्थानान्तरित कर देना चाहिए जिससे की विस्थापित अंग के पुनः प्रत्यारोपण की प्रक्रिया समय से पहले आरम्भ हो सके।

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प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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