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उत्तर प्रदेश

नहीं रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य पुजारी पंडित आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, 90 साल की उम्र में निधन

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अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य पुजारी काशी के पंडित आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। आचार्य लक्ष्मीकांत ने शनिवार सुबह 6:45 बजे वाराणसी में अंतिम सांस ली। आचार्य लक्ष्मीकांत के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार मनिकर्निका घाट पर किया जाएगा।

अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पूजन में पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित की मुख्य भूमिका रहीं थी। इनके नेतृत्व में सभी पूजन को संपन्न कराया गया था। बेटे और परिवार के अन्य सदस्य भी पूजन में शामिल हुए थे। इसके अलावा वो दिसंबर 2021 काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के पूजन में भी शामिल हुए थे। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के परिजनों ने बताया कि आज सुबह बाबूजी की तबीयत अचानक बिगड़ी जिसके कुछ ही देर बाद उनका निधन हो गया। भारतीय सनातन संस्कृति और परंपरा में उनकी गहरी आस्था थी और वह हमेशा से ही ईश्वर के प्रति समर्पित रहने वाले भाव को ही लोगों को समझाते रहते थे।

जनवरी महीने में अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में मुख्य पुजारी की भूमिका के साथ-साथ काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण पूजन में भी शामिल थे। ईश्वर के आशीर्वाद से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ग्वालियर, राजस्थान और देश के प्रमुख राजघरानों के राज्याभिषेक को बाबूजी और पूर्वजों की तरफ से संपन्न कराया जा चुका है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक में भी दीक्षित परिवार के पुरानी पीढ़ियों का योगदान रहा है।

उत्तर प्रदेश

कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया

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कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।

क्या है पूरा मामला?

कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।

वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर

अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।

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