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मुख्य समाचार

पाकिस्तानी सेना का एक और हमला

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पाकिस्तानी सेना, एयरफोर्स के पठानकोट बेस पर हमला, 26/11 मुम्बई हमले से बिल्कुल अलग, जैश ए मोहम्मद

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रवि रघुवंशी

नववर्ष की शुरूआत में सुबह के तीन बजे पाकिस्तानी सेना के विशेष दस्ते ने भारतीय एयरफोर्स के पठानकोट बेस पर हमला बोल दिया। हमले को पूरी पेरेशवर तरीके से अंजाम दिया गया। हमावर आधुनिक लड़ाई के साजो-सामान से लैस थे। ये हमला पूरी तरह से सुनियोजित पर 26/11 मुम्बई हमले से बिल्कुल अलग था। ये हमला फौजी हमला था इसका उद्देश्य और लक्ष्य दोनों ही फौजी थे। जैश ए मोहम्मद केवल एक मुखौटा है। इसके पीछे पूरी पाकिस्तानी फौज थी। जो लोग इसे आतंकी घटना कह रहे हैं। वो अखबार की पुरानी कतरने पढ़ रहे हैं।

मोदी जी कि अचानक बहुचर्चित लाहौर यात्रा के बाद यह हमला बिल्कुल निश्चित था। भारत की कबिल सरकार और उनके सर्वगुण सम्पन्न मुखिया के लिए यह एक चुनौती है। जिसने सिद्ध कर दिया कि भारतीय शासन आज भी पाकिस्तानी जरूरतों को समझने में असफल है और उसका उद्देश्य केवल प्रचार पाना और फौरी तौर पर जनता को श्रणिक आश्वासन देना है। पाकिस्तानी सेना अपने इस हमले के पूरी तरह सफल होने का जश्न मना सकती है। उसने हमले के सभी लक्ष्यों को पा लिया है। अब भारतीय पक्ष को इसका जवाब देना है। भारत की वर्तमान सरकार इसका सही जवाब दे भी पायेगी इसमें अभी सन्देह है।

भारत की वर्तमान अति आत्मविश्वासी सरकार के मूल मे अभी भी वही पुरानी समझ है, यही समझ किसी भी समस्या को पूरी तरह से खत्म नहीं करने देती। इस सरकार में भी अब तक फौजी समेत अनेक मुद्दों पर समझ का आभाव दिखा है। सरकार की वैड़वाजा टीम इस समझ को बदलने में सबसे बड़ा रोड़ा है। पाकिस्तानी सेना के हमले के दो बड़े उद्देश्य थे। वह ये बताना चाहते थे, कि नवाज शरीफ केवल सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य और व्यापार के प्रधानमंत्री है। रक्षा और विदेश पाकिस्तानी सेना के पास है। इसका पाकिस्तानी सेना भारत के तरफ से होने वाली किसी भी सर्जिकल हमले के समय लड़ाई को पूरे बार्डर एरिया में विखेर देगी। ऐसे में भारतीय सर्जिकल हमले में पाकिस्तान की तुलना में भारत को ज्यादा नुकसान हो सकता है।

भारत की वर्तमान मोदी सरकार को चाहिए कि वह इस्लामाबाद के साथ-साथ रावलपिंडी हाट लाईन भी शुरू करे। पाकिस्तान की सरकार और सेना दोनों के आगे आगे कि बातचीत में शामिल करे। हमारी सरकार को कुछ अच्छे फौजी समझ वाले अधिकारियों को सरकार में शामिल करना चाहिए और उन्हें पाकिस्तान के साथ होने वाली बातचीत में शामिल करे पाकिस्तानी सेना को बातचीम में शामिल करना ही समस्या को सुलझा सकता है। पाकिस्तानी सेना की एक राजनैति महात्वाकंक्षा है ऐसा करने से वह तुरन्त भारत के समर्थन में आ  सकती है। इससे पूरे क्षेत्र में एक शांति की उम्मीद जागती है। नरेन्द्र मोदी सरकार को लोगों की भावनाओं को समझते हुए निर्णायक सूझबूझ और नये विचारों के साथ काम करने की जरूरत है। एक वर्ष से अधिक समय बीत चुका है। बैंड बाजा के शोर से दूर अब गम्भीर काम करने की जरूरत है। मोदी एक इतिहास भी लिख रहे हैं। उन्हें आने वाली पीढि़यो के पढ़ने के लिए कुछ तो लिखना ही पड़ेगा। ज्यादा निराशा लोगों को दूसरे विकल्प पर सोचने पर मजबूर करेगी और अच्छी बात है कि छोटे ही सही विकल्प दिख रहे हैं।

 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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