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मुख्यमंत्री बनना नहीं, पीडीपी को मजबूत बनाना मेरी प्राथमिकता : महबूबा

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मुख्यमंत्री बनना नहीं, पीडीपी को मजबूत बनाना मेरी प्राथमिकता, पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, दिवंगत पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद के सपने को आगे बढ़ाना

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मुख्यमंत्री बनना नहीं, पीडीपी को मजबूत बनाना मेरी प्राथमिकता, पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, दिवंगत पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद के सपने को आगे बढ़ाना

जम्मू| पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनना उनकी प्राथमिकता नहीं है। वह पार्टी को मजबूत बनाना चाहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका लक्ष्य जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास से जुड़े अपने दिवंगत पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद के सपने को आगे बढ़ाना है। महबूबा मुफ्ती यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थीं।राज्य में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के संदर्भ में उन्होंने कहा, “मैं नहीं जानती कि कल क्या होगा। मैं एक बात निश्चित रूप से जानती हूं कि यदि मेरी पार्टी मुफ्ती साहब के सपनों को पूरा करने में लगातार लगी रही तो राज्य की जनता को लाभ होगा।” उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री बनूं या नहीं, पार्टी को जिंदा रखना है। मुफ्ती साहब के लिए यही सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने इस पार्टी की स्थापना अपने लिए नहीं बल्कि जनता के हित के लिए की थी।”

मुफ्ती ने कहा कि बीमारी के दौरान उनके पिता ने उन्हें अपनी संपत्ति के बारे में नहीं बल्कि पार्टी को मजबूत करने के बारे में बताया। मुफ्ती सईद की जब सात जनवरी को मौत हुई तभी से जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार नहीं है। राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। भारत-पाकिस्तान के रिश्ते के बारे में महबूबा ने कहा कि दोस्ती बनी रहे और टकराव नहीं हो, यही दोनों देशों के रिश्ते को आगे बढ़ाने का रास्ता है। इसी से जम्मू-कश्मीर में स्थाई शांति आ सकती है। उन्होंने कहा, मुफ्ती सईद ने सीमा के दोनों तरफ के लोगों के बीच व्यापार, संपर्क और भारत-पाकिस्तान के तनाव को समाप्त करने का सपना देखा था।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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