प्रादेशिक
अयोध्या धाम में लोगों को रास आ रही ई बस सेवा
अयोध्या। अयोध्या में पर्यटकों और स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिए योगी सरकार ने हाल ही में यहां ई बसों की सुविधा प्रारंभ की है। इन ई बसों को लेकर अयोध्यावासियों और पर्यटकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। लगभग सभी रूटों पर ई बसें फुल होकर चल रही हैं। हालांकि, रामपथ पर इसकी सर्वाधिक मांग हो रही है। इसको देखते हुए योगी सरकार का प्लान यहां 500 ई बसें चलाने का है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने हाल ही ने अयोध्यावासियों को 50 ई बसों और 25 ई ऑटो की सौगात दी थी। सीएम योगी द्वारा शुभारंभ के बाद से ही यह बसें यात्रियों की सेवा में जुट गई हैं।
ई बसों को लेकर यात्रियों में दिख रहा क्रेज
रामपथ पर बड़ी संख्या में लोग ईवी बसों का इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं। इस रूट पर सबसे ज्यादा क्रेज देखा जा रहा है। यात्रियों की बड़ी संख्या इन बसों में सफर कर रही है। खासकर बाहर से आने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं को इससे काफी राहत मिल रही है। देवरिया से आई सुशीला के अनुसार लता चौक से हर 5 मिनट में बस मिल रही है जो हमें राम पथ पर पहुंचा देती है। सर्दी में इन बसों से बहुत राहत मिल रही है। 80 वर्षीय बुद्धदेव चंदौली से आए हैं। उन्होंने बताया कि इन बसों में बैठने और चढ़ने व उतरने में भी काफी सुविधा रहती है। इससे तीर्थयात्रा काफी अच्छी हो गई है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को भी ईवी बसों का आदि लाभ मिल रहा है।
5 रूटों पर किया जा रहा संचालन
अयोध्या नगर निगम के नगर आयुक्त विशाल सिंह के अनुसार ईवी बसों का अच्छा रिस्पॉन्स देखने को मिल रहा है। अभी शुरुआत में 50 बसों का संचालन शुरू किया है। योजना के अनुसार और बसें आने के बाद बसों के रूट को और अधिक विस्तार दिया जाएगा। फिलहाल 5 रूट पर इसका संचालन किया जा रहा है। इसमें अयोध्याधाम कटरा से सहादतगंज (रामपथ) पर, सलारपुर से अयोध्याधाम, भरतपुर से रेलवे स्टेशन कैंट, अयोध्या कैंट से बारून बाजार और पूराबाजार से रेलवे स्टेशन कैंट तक संचालित की जा रही हैं। महर्षि वाल्मीकि अर्न्तराष्ट्रीय एयरपोर्ट से भी बसो का संचालन प्रारम्भ कराया जा रहा है।
पर्यावरण एवं दिव्यांग फ्रेंडली हैं बसें
फिलहाल अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखते हुए श्रद्धालुओं, यात्रियों एवं दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए 50 ई-बसों एवं 25 ई-ऑटो जिसमें 12 पिंक तथा 13 सफेद ई-ऑटो का संचालन किया जा रहा है। जल्द ही ई-बस की संख्या बढ़ कर 100 हो जाएगी। 7 मीटर वाली 4 ई-बस भी जल्द उपलब्ध करा दी जाएंगी। सरकार की यहां फिलहाल 200 बसें संचालित करने के योजना है। वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसें सुलभ, सुरक्षित एवं लोकप्रिय पब्लिक ट्रान्सपोर्ट है, जो वायु एवं ध्वनि प्रदूषण से मुक्त है। यह दिव्यांग मित्र एवं महिलाओं के लिए भी सुरक्षित है। यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत इलेक्ट्रिक बसो में सीसीटीवी एवं पैनिक बटन की व्यवस्था है। इन्हे सेफ सिटी परियोजना के अन्तर्गत पुलिस हेल्पलाइन डायल यूपी-112 से भी जोड़ा जा रहा है। वाहनों के रियल टाईम एवं लोकेशन की जानकारी के लिए इलेक्ट्रिक बसें व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस से सुसज्जित है। चलो एप के माध्यम से ई-बसों की ट्रैकिंग भी की जा सकेगी।
उत्तर प्रदेश
कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया
कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।
क्या है पूरा मामला?
कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।
वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।
एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।
एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।
अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर
अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।
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