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उत्तर प्रदेश

पीलीभीत के भरा पचपेड़ा का होगा औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर मेकओवर, योगी सरकार ने शुरू की तैयारी

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लखनऊ/पीलीभीत। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए कृत संकल्प योगी सरकार ने प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने और स्ट्रैटेजिक लोकेशंस को नए तरीके से औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित करने की दिशा में योगी सरकार कई परियोजनाओं पर कार्य कर रही है। अब इसी कड़ी में पीलीभीत के भरा पचपेड़ा को भी औद्योगिक क्षेत्र के तौर वर विकसित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि तराई का यह क्षेत्र उत्तराखंड से सटा हुआ है, ऐसे में यहां औद्योगिक निवेश तो आया ही है, कुछ औद्योगिक इकाइयां भी संचालित हो रही है। अब उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकिरण (यूपीसीडा) द्वारा यहां औद्योगिक क्षेत्र के विकास से बड़े स्तर पर कायाकल्प होगा। सीएम योगी के विजन अनुसार इस क्षेत्र को ट्रांसफॉर्म करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी। अब इसी कार्ययोजना पर कार्य करते हुए यूपीसीडा 304.83 करोड़ रुपए की लागत से पीलीभीत के भरा पचपेड़ा को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।

दो फेज में होगी विकास प्रक्रिया, आधारभूत संरचनाओं का होगा विकास

यूपीसीडा द्वारा भरा पचपेड़ा क्षेत्र को दो फेज में औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाएगा। पहले फेज में प्रक्रिया के तहत 184.12 करोड़ रुपए तथा दूसरे फेज में 120.71 करोड़ रुपए व्यय करके विकास कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। उल्लेखनीय है निर्माण व विकास कार्यों को पूरा करने के लिए यूपीसीडा द्वारा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से आवेदन मांगे गए हैं। सभी निर्माण कार्यों को इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) माध्यम से पूरा किया जाएगा तथा एजेंसी निर्धारण के उपरांत 18 महीने के अंदर विकास कार्यों को पूरा करने की समयावधि तय की गई है। सभी निर्माण कार्यों के डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड (डीएलपी) के रूप में 36 महीनों की समयसीमा निर्धारित की गई है जबकि 3 महीने का मेंटिनेंस पीरियड भी डीएलपी के दौरान ही निर्धारित होगा।

रोड व ब्रिज वर्क समेत तमाम प्रकार के निर्माण व विकास कार्य होंगे पूर्ण

परियोजना के अंतर्गत भरा पचपेड़ा के विकास का जो खाका खींचा गया है, उसमें रोड्स व बिज का नेटवर्क भी शामिल है। परियोजना के अंतर्गत चिह्नित औद्योगिक क्षेत्र को 18 से 45 मीटर के सड़कों के जाल से जोड़ा जाएगा। अर्थ वर्क, रोड पेवमेंट, रोड लेकर, रोड मार्किंग, साइनेज, ट्रक ले बाय, रोड ड्रनेज वर्क्स, फुटपाथ, मीडियन व जंक्शंस का विकास किया जाएगा। 160 मीटर लंबाई की 6 लेन युक्त बड़े ब्रिज का भी निर्माण होगा। एलिवेटेड सर्विस रिजर्वॉयर के साथ ही पोर्टेबल सप्लाई वाटर नेटवर्क का भी विकास किया जाएगा। बोरवेल व ओपन वेल भी यहां खोदे जाएंगे। डोमेस्टिक सीवेज कलेक्शन नेटवर्क, सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट, एफिशिएंट पावर सप्लाई तथा इंटरनेट एक्सेस के लिए ऑप्टिकल फाइबर और वाईफाई जैसी सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यहां प्रत्येक प्लॉट को प्लग एंड प्ले फैसिलिटीज से युक्त किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया

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कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।

क्या है पूरा मामला?

कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।

वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने

एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।

अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर

अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।

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