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प्रादेशिक

पीएम मोदी ने सत्ता की बागडोर सम्भालते ही किसानों की आय बढ़ाने पर काम शुरू कर दिया था : सीएम योगी

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वाराणसी। पूर्वांचल के अन्नदाताओं के लिए सोमवार का दिन बहुत बड़ा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एकीकृत पैक हाउस से जीआई टैग बनारसी लंगड़ा आम, हरी मिर्च और अन्य सब्जियों से भरे कंटेनर को हरी झंडी दिखाकर निर्यात के लिए रवाना किया।इस मौक़े पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश का किसान पूरे देश के लिये अकेले 20 प्रतिशत खाद्दान का उत्पादन करता है। उन्होंने कहा कि यदि अन्नदाता समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा। भारत जैसी उपजाऊ भूमि दुनिया में कहीं नहीं है। पिछले 3 से 4 वर्षो के अंदर उत्तर प्रदेश से निर्यात में 400 गुना की वृद्धि हुई है। अकेले उत्तर प्रदेश 19 हजार करोड़ रूपये से अधिक का निर्यात करता है, जिसे दोगुना किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।वहीं 9 सालों में किसानों की आय दोगुनी से अधिक हुई है। देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर करने में उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस दौरान पर हज़ारों की संख्या में किसान, एफपीओ और निर्यातक उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने सत्ता की बागडोर सम्भालते ही किसानों की आय बढ़ाने पर काम शुरू कर दिया था

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज पूरा देश विकास और समृद्धि की एक नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। प्रधानमंत्री ने 2014 में सत्ता की बागडोर सम्भालते ही किसानों की आमदनी दोगुनी करने पर काम शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले किसानों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ना शुरू किया। इन 9 वर्षों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, वन ड्रॉप मोर क्रॉप अभियान, एमएसपी आदि पर काम हुआ। इससे किसान खुशहाल हुआ है। वर्ष 2018 से लागत से डेढ़ गुना अधिक हर किसान को एमएसपी का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ देश के किसान प्राप्त कर रहे हैं। हर अन्नदाता के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में 6 हज़ार रुपये दिये जा रहे हैं। किसानों को घरेलू बाजार अच्छा मिल रहा।अब अंतरराष्ट्रीय बाजार मिले इसलिए पैक हाउस की शुरुआत हुई है। अब एपीडा के द्वारा कंटेनर और कार्गो की सुविधा के साथ ही राज्य सरकार भी कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है।

आज वाराणसी के किसान कार्गो की सुविधा का लाभ उठा रहे

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के कृषि उत्पादों को देश के बाहर विदेशों में भेजे जाने हेतु पैक हाउस आदि के माध्यम से एपीडा के साथ मिलकर यह व्यवस्था की है। वर्ष 2020 से वाराणसी के किसान कार्गो की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं।देश के कृषि उत्पादों को वैश्विक मान्यता मिली है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से यहाँ की ताजी सब्जियों, फलों एवं अन्य कृषि उत्पादों को दिल्ली भेजा जा रहा है।अब यह सुविधा वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी शुरू हो गयी है। अब पानी के जहाज से भी कृषि उत्पाद विदेशों में भेजे जाएँगे।यह ख़ुशी का विषय है कि एपीडा एवं उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयास से आज हमारे कृषि उत्पाद वैश्विक बाजार में स्थान प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर करने में उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

दुबई भेजा गया बनारसी लंगड़ा आम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को करखियांव एग्रो पार्क के पैक हाउस से हरी झंडी दिखाकर बनारसी लंगड़ा आम को दुबई के लिये रवाना किया। मुख्यमंत्री ने जिन तीन कंटेनर्स को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, उनमें बनारसी लगड़ा आम, गाजीपुर व आसपास के अन्य जिलों की हरी मिर्च एवं अन्य सब्जियां प्रमुख हैं। इस दौरान सीएम ने पैक हाउस के प्राइमरी प्रोसेसिंग एरिया, फ्रूट प्रोसेसिंग एरिया एवं वेजिटेबल प्रोसेसिंग एरिया को देखा एवं उसके बारे में जानकारी ली। साथ ही आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये।

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बिहार

बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी पर लगी रोक, शिक्षा मंत्री ने किया ऐलान

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पटना। बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी को स्थगित कर दिया गया है। सरकार ने यह फैसला पटना हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद लिया। दरअसल, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मंगलवार यानी आज ही टीचर्स की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी पर स्टे लगा दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने पॉलिसी को स्थगित करने का फैसला किया।

शिक्षा मंत्री ने कही ये बात

बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में जल्द ही आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकार तबादला नीति में संशोधन कर सकती है। जरुरत पड़ी तो नई दबादला नीति भी लेकर सरकार आएगी।

मंत्री बोले- शिक्षकों के हित में होगी पॉलिसी

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के इस फैसले का पटना हाई कोर्ट के आदेश से कोई संबंध नहीं है। सरकार ने सोमवार को ही शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को स्थगित करने का फैसला किया था। सुनील कुमार ने यह भी कहा कि आगे जो भी नीति लाई जाएगी वह टीचरों की हित में होगी। मौजूदा पॉलिसी में कई व्यवहासिक दिक्कतें हैं, जिसे जल्द ही दूर किया जाएगा।

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