अन्तर्राष्ट्रीय
दुनिया भर में हो रही पीएम मोदी की तारीफ़, पुतिन को पढ़ाया था शांति का पाठ
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शांति का पाठ पढ़ाना दुनिया के बड़े व शक्तिशाली देशों को भा गया। इन देशों ने पीएम मोदी की जमकर प्रशंसा की है। बता दें पीएम मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान एक द्विपक्षीय वार्ता में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि ”आज युद्ध का युग नहीं है।”
अब कई पश्चिमी देशों ने इसके लिए पीएम मोदी की सराहना की है। सबसे पहले अमेरिका का बयान सामने आया था। वहां की मीडिया में भी प्रधानमंत्री ने खूब सुर्खियां बटोरीं। अब संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भी बड़े देशों के नेता भारत और पीएम मोदी की सराहना कर रहे हैं। महासभा के इस सत्र में दुनियाभर के नेताओं ने हिस्सा लिया।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रतिनिधि ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सत्र में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का वक्त नहीं है और उनकी यह बात एकदम सही थी।
मैक्रों ने अपने संबोधन में कहा, ”भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह पश्चिम से बदला लेने और उसे पूर्व के खिलाफ खड़ा करने का समय नहीं है। यह वक्त है कि हम सभी संप्रभु राष्ट्र हमारे समक्ष मौजूद चुनौतियों का एकजुट होकर मुकाबला करें।”
उन्होंने कहा, ”इसीलिए उत्तर और दक्षिण के बीच नए समझौतों की सख्त जरूरत है। एक ऐसा समझौता, जो खाद्यान्न, शिक्षा और जैव विविधता के क्षेत्र में हो। यह सोच को सीमित करने का नहीं, बल्कि साझा हितों के लिए खास कार्रवाई करने के वास्ते गठबंधन बनाने का है।”
अमेरिका ने की मोदी की तारीफ
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह बयान सिद्धांतों के आधार पर दिया गया बयान था, जिसे वह सही मानते हैं।
एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी के बयान पर एक सवाल के जवाब में सुलिवन ने कहा, “मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह सही और न्यायपूर्ण है। उनकी ओर से सिद्धांतों के आधार पर दिया गया बयान है। इसका बहुत स्वागत किया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि यह युद्ध समाप्त होना चाहिए। यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर की मूल शर्तों का उल्लंघन है। यूक्रेन को उन क्षेत्रों को वापस करना चाहिए है जिन्हें रूस ने बलपूर्वक जब्त कर लिया था।
पुतिन से क्या बोले थे PM मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर पुतिन से मुलाकात की थी और कहा था कि ”आज युद्ध का युग नहीं है।” इसके अलावा, मोदी कई बार पुतिन से फोन पर युद्ध के संबंध में बातचीत कर चुके हैं। इस दौरान वह लोकतंत्र, कूटनीति और बातचीत के महत्व के रेखांकित कर चुके हैं।
इस पर पुतिन ने मोदी से कहा था कि वह ‘यूक्रेन में जारी संघर्ष को लेकर अपनी स्थिति और उन चितांओ के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ हैं, जिनके संबंध में मोदी अक्सर बात करते हैं।’ पुतिन ने कहा था, ”हम इसे यथाशीघ्र रोकने की कोशिश करेंगे।”
अमेरिकी मीडिया ने भी की तारीफ
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के लिए अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा उनकी खूब प्रशंसा की गई थी।
सीएनएन ने दुनिया की राजनीति पर पीएम मोदी की पकड़ की प्रशंसा की। उसने कहा, “भारतीय नेता नरेंद्र मोदी ने पुतिन से कहा: अब युद्ध का समय नहीं है।”
वहीं, एक अन्य अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट का शीर्षक था, “मोदी ने यूक्रेन में युद्ध पर पुतिन को फटकार लगाई।”
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने शीर्षक में कहा, “भारत के नेता ने पुतिन से कहा कि अब युद्ध का युग नहीं है।” द वाशिंगटन पोस्ट और द न्यूयॉर्क टाइम्स दोनों के वेबपेज पर यह मुख्य खबर रही।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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