Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

रिपोर्ट कार्डः 5 साल में इतने वादे नहीं पूरे कर सकी मोदी सरकार, संख्या जानकर रह जाएंगे हैरान

Published

on

Loading

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के पहले फेज की वोटिंग गुरुवार सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएंगी। लेकिन मतदान से एक दिन पहले एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जिससे लोग हैरान हो सकते हैं।

अंतराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने चुनाव से महज कुछ घंटों पहले एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें मोदी सरकार के द्वारा पूरे किए वादों का लेखा-जोखा है।

एजेंसी ने 2014 में भाजपा द्वारा किए गए 50 वादों को आधार बनाकर बताया है कि इन पांच सालों में 12 ही ऐसे वादें हैं जिन्हें मोदी सरकार पूरा कर पाई है।

जबकि 21 वादे आंशिक रूप से पूरे किए गए हैं। वहीं वादे न पूरे करने की संख्या भी कम नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक 17 ऐसे बड़े वादे हैं जिन्हें मोदी सरकार 5 साल में पूरा नहीं कर सकी है।

वादे जो पूरे किए गए

  1. किसानों की फसल तबाह होने के बाद उन्हें आर्थिक मदद पहुंचाना, इसके तहत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई. पहले 50 फीसदी फसल खराब होने पर मदद मिलती थी, अब 33 फीसदी फसल खराब होने पर भी मदद दी जा रही है.
  2.  कृषि मार्केटिंग कमेटी एक्ट में बदलाव किया गया, इसके तहत राज्यों ने भी कानून में बदलाव किए हैं.
  3. किसानों के लिए राष्ट्रीय मंडी की व्यवस्था की गई. इसपर नज़र रखने के लिए एक पोर्टल को भी लॉन्च किया गया था. इसके अलावा किसानों को खेती करने के लिए मदद का वादा भी पूरा हुआ है.
  4. ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की वैश्विक रैंकिंग में सुधार.
  5. खेती और बागवानी से जुड़ी वस्तुओं के दाम पर लगाम के लिए Price Stabilisation Fund की व्यवस्था की गई
  6.  इंद्रधनुष योजना के तहत बैंकिंग सिस्टम में सुधार किया गया. जनधन योजना के तहत करोड़ों बैंक खाते खोले गए.
  7.  अप्रेंटिसशिप एक्ट में बदलाव किया गया.
  8. स्वयं योजना के तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म खोले गए, जिससे युवाओं को रोजगार के लिए ट्रेनिंग दी गई.
  9.  आपसी झगड़ों के कई केसों को लोक अदालत के चलते निपटाया गया, इससे अदालतों पर दबाव कम हुआ.
  10. पुराने और बेकार कानूनों को खत्म किया गया.
  11. नेशनल हेल्थकेयर पॉलिसी को 2017 में लॉन्च किया गया. इसका मकसद हर किसी को बेहतरीन इलाज देना है.
  12. राजस्व घाटे को काबू में लाया गया. इसे अभी 3.4 फीसदी तक लाया गया है, लक्ष्य 3 के आस-पास का ही था.

आंशिक रूप से पूरे किए गए वादे

जो वादे आंशिक रूप से पूरे हुए हैं, उनमें किसानों को पेंशन, किसानों की फसल का रियल टाइम डाटा, फसलों का मिनिमम प्राइस, रोजगार, सभी के लिए घर, छोटे रोजगारों को बढ़ावा, एफडीआई, टैक्स, काला धन के लिए टास्क फोर्स, बैंकिंग सेक्टर को बैड लोन से बचाना, हर राज्य में एम्स अस्पताल जैसे कुल 21 वादे आंशिक रूप से पूरे हैं. यानी इनपर या तो काम जारी है, या फिर पूरा होने वाला है।

ऐसे वादे जो नहीं हो सके पूरे

जिन वादों को बीते पांच साल में पूरा नहीं किया गया है, इसमें मैन्यूफैक्चरिंग के लिए ग्लोबल हब, छोटे कारोबार के लिए टास्क फोर्स, मल्टीब्रांड सेक्टर में एफडीआई पर रोक, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन में बदलाव, मिड-डे मील में सुधार, जम्मू-कश्मीर में धारा 370, अनुच्छेद 35A, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाना, दागी सांसदों पर कार्रवाई समेत कुल 17 बड़े वादे ऐसे हैं जिनपर कोई भी काम नहीं हो सका है।

 

नेशनल

गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

Continue Reading

Trending