प्रादेशिक
मशहूर कवि कुंवर बेचैन का कोरोना से निधन, साहित्य जगत में शोक की लहर
नई दिल्ली। मशहूर कवि कुंवर बेचैन का कोरोना की वजह से निधन हो गया है। गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका इलाज नोएडा के कैलाश अस्पताल में चल रहा था। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर है।
हिंदी गीतों का माणिक माने जाने वाले गीत सुमन कुंवर बेचैन के निधन की सूचना से मुरादाबाद और सम्भल में भी शोक की लहर दौड़ गई है। कुंवर बेचैन मूल रूप से मुरादाबाद के उमरी गांव के थे। उनकी शिक्षा चंदौसी के एसएम कॉलेज में हुई थी।
कोसमोस अस्पताल में एडमिट किए जाने के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था और उन्हें वेंटिलेटर बेड नहीं मिल पा रहा था। इस पर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट किया था। कुमार विश्वास के ट्ववीट के बाद गौतमबुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा ने मदद की थी और उन्हें कैलाश अस्पताल में वेंटिलेटर मिल पाया था।
कुमार विश्वास ने उनके निधन पर दुख जताया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘कोरोना से चल रहे युद्धक्षेत्र में भीषण दुःखद समाचार मिला है। मेरे कक्षा-गुरु, मेरे शोध आचार्य, मेरे चाचाजी, हिंदी गीत के राजकुमार, अनगिनत शिष्यों के जीवन में प्रकाश भरने वाले डॉ कुँअर बेचैन ने अभी कुछ मिनट पहले ईश्वर के सुरलोक की ओर प्रस्थान किया। कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया।’
उत्तराखंड
गुजरात से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए दो बच्चों की डूबने से मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
हरिद्वार। गुजरात से हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए आए एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यहां एक परिवार के 2 नाबालिग बच्चों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार सुबह 10 बजे उत्तरी हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र में संतमत घाट पर हुआ। हादसे के बाद परिवार के सदस्यों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।
गुजरात के तापी जिले के वलोड थाना अंतर्गत बाजीपुरा गांव निवासी विपुल भाई पवार अपने परिवार के साथ गंगा दर्शन और स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। बुधवार सुबह लगभग 10:00 बजे पूरा परिवार उत्तरी हरिद्वार के परमार्थ घाट के पास संतमत घाट पर गंगा स्नान कर रहा था।
स्नान के दौरान विपुल भाई की 13 वर्षीय बेटी प्रत्यूषा और 6 वर्षीय बेटा दर्श अचानक गंगा की तेज धारा में बहने लगे। परिजन और घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालु बच्चों को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तेज बहाव और गहरे पानी के कारण उन्हें बचाने में असफल रहे। देखते ही देखते दोनों बच्चे गंगा की लहरों में आंखों से ओझल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही सप्तऋषि पुलिस चौकी से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जल पुलिस और गोताखोरों की मदद से बच्चों को तलाश किया गया। कुछ ही देर बाद दोनों को ठोकर नंबर 13 के पास पानी से बेसुध हालत में बाहर निकाला गया। तत्काल 108 एंबुलेंस की सहायता से दोनों को हरिद्वार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
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