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तमिलनाडु में जहरीली शराब का कहर, अब तक 47 की मौत, तीन गिरफ्तार

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चेन्नई। तमिलनाडु के कल्लाकुरिची नकली शराब से हुई मौतों का आंकड़ा बढ़कर 47 पहुंच गया है। मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। इस मामले में पुलिस अब तक तीन आरोपियों को पकड़ चुकी है, जिन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलई केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खत लिखकर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग कर चुके हैं।

सरकार ने बताया कि के कन्नुकुट्टी को गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से जब्त लगभग 200 लीटर अवैध शराब में घातक मेथनॉल की मौजूदगी का पता चला है। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने व्यापक जांच सुनिश्चित करने के लिए सीबी-सीआईडी ​​जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने कल्लाकुरिची के जिला कलेक्टर श्रवण कुमार जाटवथ का तबादला कर दिया है जबकि पुलिस अधीक्षक समय सिंह मीना को निलंबित कर दिया गया है। कल्लाकुरिची जिले के निषेध शाखा के पुलिसकर्मियों सहित नौ अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मौतों पर दुख जताया और कहा कि इसे रोकने में विफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। स्टालिन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कल्लाकुरिची में मिलावटी शराब पीने वाले लोगों की मौत की खबर सुनकर मैं स्तब्ध और दुखी हूं। इस मामले में अपराध में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसे रोकने में विफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।

तमिलनाडु के कल्लाकुरिचि जिले में कई लोगों ने अवैध देशी शराब का सेवन किया था। इसके बाद इन लोगों की तबीयत बिगड़नी शुरू हुई और एक-एक कर मौतें होने लगीं। अब तक कुल 47 लोग जहरीली शराब के कारण जान गंवा चुके हैं। इस सिलसिले में 49 वर्षीय (अवैध शराब विक्रेता) के.कन्नुकुट्टी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उसके पास से जब्त की गयी करीब 200 लीटर अवैध शराब की जांच में सामने आया कि उसमें घातक ‘मेथनॉल’ मौजूद था। इस मामले में लापरवाही के लिए नौ पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया जा चुका है।

नेशनल

संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज

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नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।

संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।

बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”

घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।

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