प्रादेशिक
पुलिस भर्ती परीक्षा: बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के बाद मिलेगी एंट्री, सीसीटीवी से होगी निगरानी
लखनऊ| योगी सरकार ने प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी यूपी पुलिस भर्ती की परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए फूलप्रूफ प्लान बनाया है। इसके तहत योगी सरकार ने आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती की शनिवार और रविवार को दो पालियों में होने वाली परीक्षा को लेकर कड़े सुरक्षा प्रबंध किये हैं। हर परीक्षा केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है जबकि केंद्र में अभ्यर्थियों की संख्या के अनुरूप केंद्र पर्यवेक्षक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर मौजूद रहेंगे। वहीं सीसीटीवी कैमरों से गहन निगरानी की जाएगी। साथ ही सभी अभ्यर्थियों के बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के बाद भी उन्हे परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा। मालूम हो कि योगी सरकार पुलिस बल को और मजबूती देने के लिए 60,244 पुलिस आरक्षी पदों पर भर्ती कर रही है, जिसकी परीक्षाएं 17 और 18 फरवरी को प्रदेश के सभी 75 जनपदों के 2385 सेंटर पर आयोजित की जा रही है।
प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की रहेगी तैनाती
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) की अध्यक्ष डीजी रेणुका मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप परीक्षा के लिए विभिन्न प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की तैनाती की गई है। वहीं जनपद स्तर पर जिलाधिकारी जनपदीय पर्यवेक्षक (मजिस्ट्रेट) के रूप में कार्य करेंगे। उनके द्वारा परीक्षा केन्द्र ड्यूटी, सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती समेत अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाएं की गयी हैं। इसके तहत जिलाधिकारी द्वारा हर सेंटर पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ सहायक केंद्र पर्यवेक्षक की तैनाती की गई है। इसके अलावा अपर जिलाधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी (प्रशासन) के रूप में नियुक्त किया गया है जबकि 3 परीक्षा केंद्रों पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की भी तैनाती हुई है। इतना ही नहीं नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए उड़ान दस्ते भी मुस्तैद रहेंगे। वहीं केंद्र पर्यवेक्षक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर मौजूद रहेंगे। प्रदेश के जिन सेंटर पर एक हजार से अधिक अभ्यर्थी होंगे, वहां पुलिस उपाधीक्षक तैनात रहेंगे। वहीं एक हजार तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर इंस्पेक्टर और पांच सौ तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर सब इंस्पेक्टर को नियुक्त किया गया है। परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केन्द्र पर नियुक्त कर्मियों में से 50 प्रतिशत जिलाधिकारी और शेष 50 प्रतिशत केन्द्र व्यवस्थापक (प्रधानाचार्य) द्वारा नियुक्त किये गये हैं। इनमें परीक्षा सहायक प्रथम एवं द्वितीय जिलाधिकारी और केन्द्र व्यवस्थापक द्वारा नियुक्त किये जाएंगे जबकि 12 अभ्यर्थियों पर एक अंतरीक्षक को तैनात किया जाएगा। इसके साथ सहयाेगी अंतरीक्षक भी तैनात रहेंगे।
मोबाइल, ब्लूटूथ को निष्क्रिय करने के लिये लगेंगे जैमर
परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए सही अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाए, इसके लिए तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए परीक्षा केन्द्र पर अभ्यर्थियों की चैकिंग, फ्रिस्किंग एवं पर्यवेक्षण की उचित व्यवस्था की गई है। केंद्र पर अभ्यर्थियों को प्रवेश फिजिकल फ्रिस्किंग, एचएचएमडी द्वारा फ्रिस्किंग, बायोमैट्रिक फिंगर प्रिन्ट एवं फेशियल रिकॉग्निशन के बाद ही दिया जायेगा। वहीं फेशियल रिकॉग्निशन न होने पर एफआरआईएस कैप्चर करने की भी व्यवस्था की गई है। फेशियल रिकॉग्निशन में संशय होने पर अभ्यर्थी का आधार ऑथेंटिकेशन कराया जाएगा। इसके अलावा सभी केन्द्रों पर इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज जैसे मोबाइल, ब्लूटूथ को निष्क्रिय करने के लिये जैमर लगाए जाएंगे। परीक्षा कक्ष एवं केन्द्र में सीसीटीवी लगाकर निगरानी की जा रही है, जिसका लाइव फीड केन्द्र के कन्ट्रोल रूम, जनपद के कन्ट्रोल रूम एवं भर्ती बोर्ड मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम में प्राप्त होगी।
अन्य राज्यों के 6 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने किया था आवेदन
बता दें कि परीक्षा में कुल 48, 17,441 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें 15,48,969 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं। केंद्रों पर शनिवार 17 फरवरी को प्रथम और द्वितीय दोनों पालियों में 12,04, 360 अभ्यर्थियों की परीक्षा देंगे जबकि रविवार 18 फरवरी की प्रथम पाली में 12,04,361 व द्वितीय पाली में 12,04,360 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इस परीक्षा में उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त अन्य राज्यों से 6 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है, जिसमें बिहार के 267305 अभ्यर्थी, हरियाणा के 74769 अभ्यर्थी, झारखण्ड के 17112 अभ्यर्थी, मध्य प्रदेश के 98400 अभ्यर्थी, दिल्ली के 42259 अभ्यर्थी, राजस्थान के 97277 अभ्यर्थी, उत्तराखण्ड के 14627 अभ्यर्थी, पश्चिम बंगाल के 5512 अभ्यर्थी, महाराष्ट्र के 3151 अभ्यर्थी तथा पंजाब के 3404 अभ्यर्थी शामिल हैं।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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