Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

विशेष विमान से वाराणसी पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल ने किया स्वागत; मेधावियों को देंगी मेडल  

Published

on

President Draupadi Murmu reached Varanasi by special plan

Loading

वाराणसी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सोमवार को सुबह 11:11 बजे वायुसेना के विशेष विमान से एयरपोर्ट पर पहुंचीं। राष्ट्रपति के आगमन के पूर्व फ्लीट सुबह 9:10 बजे एयरपोर्ट पर पहुंचा। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल राष्ट्रपति की अगवानी के लिए राजकीय विमान से सुबह 10:45 बजे एयरपोर्ट पर पहुंचीं।

एयरपोर्ट पर स्वागत के बाद सुबह 11:28 बजे शहर स्थित काशी विद्यापीठ में दीक्षांत समारोह के लिए रवाना हुए। राष्ट्रपति का एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, सांसद बी पी सरोज, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालु, श्रम मंत्री अनिल राजभर,मेयर अशोक तिवारी, विधायक रविंदर जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य ,ज़िलाध्यक्ष हंसराजविश्वकर्मा ,ज़िलाधिकारी ,पुलिस आयुक्त सहित ज़िले के आला अधिकारियों ने अगवानी की ।

राष्ट्रपति व राज्यपाल सुबह 11:28 बजे एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन के मद्देनजर जिले में हाई अलर्ट है। पुलिस की ओर से बाबतपुर एयरपोर्ट से लेकर शहर तक चप्पे-चप्पे पर चौकसी बरती जा रही है। एडीजी सिक्योरिटी रघुबीर लाल और पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने पुलिस बल को अतिरिक्त सतर्कता के साथ ड्यूटी करने के निर्देश दिये।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मेधावियों को मेडल देने वाराणसी पहुंचीं हैं। राष्ट्रपति दीक्षांत समारोह में 16 मेधावियों को अपने हाथों मेडल देंगी। करीब 55 मिनट तक समारोह में शामिल होने के बाद वे सर्किट हाउस आएंगी। यहां विश्राम और भोजन के बाद बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना हो जाएंगी। राष्ट्रपति के आगमन से पहले प्रशासन और पुलिस के अधिकारी तैयारियों को पुख्ता करने में जुटे रहे। उनके रूट और आयोजन स्थल की पुख्ता सुरक्षा की गई है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending