प्रादेशिक
पुणे में ‘बाजीराव मस्तानी’ के 5 शो रद्द
पुणे| पुणे में ‘बाजीराव मस्तानी’ के रिलीज पर जबरदस्त विरोध के कारण शुक्रवार को पांच शो रद्द कर दिए गए। फिल्म का विरोध भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने किया, जिनका कहना है कि फिल्म निर्माण के दौरान ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ किया गया और पेशवा को अपमानजनक तरीके से पेश किया गया है। निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी शुक्रवार को देशभर में रिलीज की गई है।
पुणे के ‘सिटी प्राइड’ सिनेमाघर में सुबह आठ बजे नगर उपाध्यक्ष जयंत भावे के नेतृत्व में करीब 200 पार्टी कार्यकर्ता जमा हो गए और फिल्म के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शन को देखते हुए मल्टीप्लेक्स सिनेमा को मजबूरन फिल्म के पांच शो रद्द करने पड़े।
भावे ने आईएएनएस को बताया, “इस फिल्म में पेशवा शासक काल के ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है जो उनकी गरिमा के खिलाफ है। महाराष्ट्र के लोग पेशवाओं की पूजा करते हैं और इस फिल्म में जो दिखाया गया है, उसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। ”
भावे ने कहा, “पेशवा बाजीराव बहुत बड़ी ऐतिहासिक हस्ती थे। उन्होंने छत्रपति शिवाजी के साम्राज्य को देशभर में फैलाने में उनकी सहायता की। वह अपने कर्तव्यों में इतने व्यस्त थे कि कई बार युद्ध के दौरान घोड़े पर बैठकर भोजन किया करते थे।”
उन्होंने बताया, “बाजीराव के पास नृत्य करने और अपनी चोटी बांधने का समय ही नहीं था, जैसा कि फिल्म में दिखाया गया है। इसके अलावा उनकी पत्नी काशीबाई का किरदार निभाने वाली प्रियंका चोपड़ा का भी लुक उस दौर से अलग है।”
रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा अभिनीत यह फिल्म पेशवा बाजीराव और उनकी दोनों पत्नियों के जिंदगी पर आधारित है।
मुंबई में कुछ सप्ताह पहले पेशवा वंशजों ने भी फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने पर आपत्ति जताई थी।
भावे का कहना है कि या तो फिल्म निर्माता ऐसे दृश्यों को हटा दें या अपनी फिल्म का नाम बदलें।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी
लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।
1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।
2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।
3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।
4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।
5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।
8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।
9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।
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