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पंजाब

पंजाब सरकार ने 7 सरकारी स्कूलों के नाम बदलकर शहीदों के नाम पर रखने का किया फैसला

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चंडीगढ़| पंजाब सरकार ने 7 सरकारी स्कूलों के नाम बदलकर शहीदों के नाम पर रखने का फैसला लिया है। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने ये आदेश जारी किए है।

बरनाला जिले के गांव छन्ना गुलाब सिंह स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल का नाम बदल कर दरबारा सिंह सरकारी प्राइमरी स्कूल व जुमला मालकां स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल का नाम बदल कर लाभ सिंह सरकारी प्राइमरी स्कूल रखा गया है।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि लुधियाना जिले के सवद्दी कलां में स्थित सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल का नाम बदल कर बीर सिंह सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल व जिला बठिंडा के गांव झोरड़ां में स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल का नाम बदल कर शहीद एएसआआई गुरमुख सिंह सरकारी प्राइमरी स्कूल रखा गया है।

इसी तरह बठिंडा जिले के बुढलाडा में स्थित सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल व सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल का नाम बदल कर शाम सिंह सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल (लड़के) रखा गया है।

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पंजाब

किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान

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चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’

अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।

अपनी मांगों पर अड़े किसान

पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।

किसानों की क्या हैं मांगें?

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।

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