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पंजाब

अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है पंजाब सरकार, 9268 लोगों को ₹47.26 करोड़ जारी

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चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है. इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि राज्य सरकार अनुसूचित जातियों के लोगों के कल्याण के लिए तेजी से काम कर रही है.

उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए आशीर्वाद फार एस.सीज योजना के तहत अमृतसर, बरनाला, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, लुधियाना, मानसा, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, पठानकोट, संगरूर और मलेरकोटला जिलों के 9268 लाभार्थियों को वित्तीय लाभ दिया गया है.

क्या है सहायता राशि पाने के नियम?

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि आशीर्वाद योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक पंजाब राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए, उसका परिवार गरीबी रेखा से नीचे होना चाहिए, आवेदक अनुसूचित जाति, पिछड़ी श्रेणियों और अन्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से संबंधित होना चाहिए और परिवार की सभी साधनों से वार्षिक आय 32,790 रुपये से कम होनी चाहिए. ऐसे परिवारों की दो बेटियाँ इस योजना का लाभ प्राप्त करने के योग्य हैं.

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पंजाब

किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान

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चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’

अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।

अपनी मांगों पर अड़े किसान

पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।

किसानों की क्या हैं मांगें?

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।

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