पंजाब
पंजाब सरकार अनुसूचित जातियों, पिछड़ीं श्रेणियों और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए लगातार प्रयत्नशील
चंडीगढ़। पंजाब सरकार में मंत्री डॉ बलजीत कौर ने बुधवार को पंजाब भवन में सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक की मजबूती के लिए एक समीक्षा बैठक में कहा कि सीएम भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अनुसूचित जातियों, पिछड़ीं श्रेणियों और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए लगातार यत्नशील है।
उन्होंने पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम फॉर एससी स्कीम का लाभ अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए जिला/ तहसील सामाजिक न्याय और अधिकारिता को आदेश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के युवाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। पंजाब सरकार अनुसूचित जाति और आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्गों के लोगों के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लाभपात्रों को समय पर मुहैया कराया जाए। इस मौके पर बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक डीके तिवाड़ी, डायरेक्टर अंमृत सिंह, डायरेक्टर-कम-संयुक्त सचिव राज बहादुर सिंह और डिप्टी डायरेक्टर रविन्दरपाल सिंह, हरपाल सिंह, सुखसागर सिंह और अशीश कथूरिया विशेष तौर पर उपस्थित थे।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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