पंजाब
पंजाब सरकार पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों को देगी 22 हजार से अधिक सीआरएम मशीनें
चंडीगढ़। पंजाब सरकार राज्य के किसानों को 22 हजार से अधिक ‘फसल अपशिष्ट प्रबंधन’ (सीआरएम) मशीन मुहैया कराएगी ताकि पराली जलाने की समस्या का समाधान किया जा सके। राज्य के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों से सुनिश्चित करने को कहा गया है कि इसी महीने रियायती दर पर मशीन मुहैया कराने के लिए लॉटरी निकाली जाए और अगस्त के आखिर तक लाभार्थी किसानों को सब्सिडी की राशि दे दी जाए।
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पराली जलाने से रोकने के लिए 500 करोड़ रुपये की कार्ययोजना बनाई है। सीआरएम मशीन किसानों को खरीफ सत्र 2024-25 में रियायती दर पर दी जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘किसान इन मशीनों के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं जबकि पंचायत और सहकारी समितियों के लिए सब्सिडी 80 प्रतिशत तय की गई है।’’
खुड्डियां ने ‘धान की सीधी बुवाई’ (डीआरएस) तकनीक के प्रति सकारात्मक रुख के लिए किसानों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले साल के मुकबाले इस साल ‘जल संरक्षण’ वाली इस पद्धति से बुवाई करने के रकबे में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले साल 1.72 लाख एकड़ के मुकाबले इस साल 2.20 लाख एकड़ क्षेत्र में डीआरएस तकनीक से बुवाई हो चुकी है और इसे पांच लाख एकड़ तक ले जाने का लक्ष्य है।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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