पंजाब
देश में गुरुद्वारों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को पूरी तरह से सुनिश्चित किया जाएगा: भगवंत मान
लुधियाना। लुधियाना जिले के खन्ना में शिवलिंग खंडित करने के मामले को पंजाब पुलिस द्वारा शीघ्रता से हल करने और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद, मंदिर कमेटी और कई हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात की.
इस दौरान, मुख्यमंत्री मान ने हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि प्रदेश में गुरुद्वारों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को पूरी तरह से सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने पुलिस को यह निर्देश दिए हैं कि किसी भी बेअदबी की घटना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच और कानूनी प्रक्रिया में कोई देरी नहीं होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दीपक बाली ने कहा कि इस मामले के शीघ्र समाधान से हिंदू समाज का पंजाब सरकार के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है. आप नेता नील गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार सभी धर्मों—हिंदू, मुस्लिम, सिख, और इसाई—को समान दृष्टि से देखती है. उन्होंने कहा, “पंजाब में नफरत की राजनीति नहीं होने देंगे. पंजाब सामाजिक सौहार्द के लिए जाना जाता है, और यहां के लोग ईद, दिवाली, होली और गुरुपर्व एक साथ मनाते हैं. यही पंजाब की खूबसूरती है.”
महंत बंशी दास ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि मुख्यमंत्री अपने भाषणों में जिस धार्मिक निष्पक्षता की बात करते हैं, उसे वे वास्तव में अपने आचरण में भी निभाते हैं.
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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