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नेशनल

मोदी, ममता सिर्फ वादे करते हैं : राहुल

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कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

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कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

रघुनाथगंज| कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की खिंचाई की और कहा कि दोनों केवल वादे कर रहे हैं और उन्हें वादे पूरे करने की परवाह नहीं है। राहुल ने मुर्शिदाबाद जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “मोदी मेक इन इंडिया कार्यक्रम की बात करते हैं। उन्होंने कहा था कि दो करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा। लोगों ने उन पर भरोसा कर उन्हें सत्ता सौंपी, लेकिन एक भी युवक को अभी तक नौकरी नहीं मिली है।” कांग्रेस नेता ने कहा, “ममता का भी यही हाल है। उन्होंने 70 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन एक भी व्यक्ति को रोजगार दिलवा पाने में वह नाकाम रही हैं। अलबत्ता लोग यहां से रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जा रहे हैं।”

गांधी ने कहा, “ममता ने बंगाल के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, फैक्ट्री लगाने का वादा किया था। लेकिन न तो यहां कोई फैक्ट्री है और न ही कोई रोजगार है। इसलिए हमें उन्हें हराना होगा।” कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से हाथ मिलाया है। उन्होंने बनर्जी पर आरोप लगाया कि कांग्रेस की मदद से बंगाल की सत्ता हासिल करने के बाद वह रातों रात बदल गईं। उन्होंने कहा, “पांच साल पहले कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस को समर्थन दे रही थी, क्योंकि उम्मीद थी कि ममता जी बंगाल में परिवर्तन लाएंगी, लोगों को रोजगार मुहैया कराएंगी, कानून-व्यवस्था सुधारेंगी और उद्योग लगवाएंगी। हमने उन्हें इस शर्त पर समर्थन दिया था कि वह बंगाल में बदलाव के लिए काम करेंगी।”

“चुनाव खत्म हुआ और ममता मुख्यमंत्री बन गईं। उसके अगले ही दिन वह बदल गईं। उनके काम करने का तरीका बदल गया, उनके बोलचाल बदल गए और वह अपने सारे वादे भूल गईं, जो उन्होंने कांग्रेस और बंगाल के लोगों के साथ किए थे।” कांग्रेस नेता ने बनर्जी और तृणमूल पर हजारों करोड़ रुपये के शारदा घोटाला मामले, विवेकानंद फ्लाइओवर हादसे और नारदा स्टिंग ऑपरेशन को लेकर हमला बोला। “जब फ्लाइओवर गिर गया तो ममता जी कार्रवाई करने की बात कर रही हैं। लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्होंने पिछले पांच साल से कार्रवाई क्यों नहीं की, जब उनके अपने आदमी घटिया सामग्री से फ्लाइओवर का निर्माण कर रहे थे।”

राहुल ने कहा, “जैसे मोदी कहते हैं कि वह काला धन लाएंगे, लेकिन विजय माल्या (शराब कारोबारी) या ललित मोदी (पूर्व भारतीय प्रीमीयर लीग के चेयरमैन) के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते। ममता भी वही कर रही हैं।” गांधी के कहा कि पूरे देश के किसान चिंतित हैं, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “ममता अपने आप को गरीबों की नेता कहती हैं, लेकिन उन्हें खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने की परवाह नहीं है, जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने राज्य को इसके लिए धन मुहैया कराए थे।”

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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