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राहुल का मोदी के गले लगना: क्या मेच्योर राहुल सीख गए हैं सियासत के दावं पेंच?

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नई दिल्ली। चार साल पहले जब देश ने नरेंद्र मोदी को देश की कमान सौंपी। तब से लेकर आज तक वो हर रोज किसी ना किसी वजह से ख़बरों में बने रहते हैं। ये भी देखा गया है कि वो जिस देश के दौरे पर जाते हैं या फिर कोई मेहमान हमारे देश में आता है। रणनीतिक रूप से नरेंद्र मोदी उन नेताओं को गले लगाते रहे हैं। पिछले दिनों मोदी की मुख्य विपक्षी पार्टी, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की उन्हें गले लगाने की ‘घटना’ ने सुर्खियाँ बटोरीं।

अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान बोल रहें थे राहुल गांधी:

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के बीते चार साल के प्रदर्शन को निशाना बनाते हुए बोल रहे थे। इसके बाद जो हुआ उससे नरेंद्र मोदी ने नहीं बल्कि राहुल गांधी ने पुरे देश में सुर्खियाँ बटोरीं। और तमाम राजनीतिक विरोधियों को भौचक्का कर दिया। उन्होंने जब अपना भाषण खत्म किया तो अचानक पीएम मोदी की तरफ बढ़ें और अचानक उन्हें गले लगा लिया।

सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हुए राहुल गाँधी:

फिर क्या था मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में राहुल गांधी का खूब मजाक उड़ाया। इसके बाद मोदी के समर्थकों ने राहुल गांधी को भद्दे मज़ाक के साथ सोशल मीडिया पर भी ट्रोल किया। संसद में मोदी को गले लगाने से पहले राहुल ने कहा था, “आपके भीतर मेरे लिए नफ़रत है. गुस्सा है. मगर मेरे अंदर आपके प्रति इतना सा भी गुस्सा, इतना सा भी क्रोध, इतनी सी भी नफ़रत नहीं है।

लोगो ने कहा कि कभी अनाड़ी रहे इस नेता ने आख़िर टेलीविजन पर दिखने वाली राजनीति करने की कला सीख ली है। ये कला उन्हें उस मज़बूत नरेंद्र मोदी को मात देने में मदद करेगी जो अपनी जीतने की कला और पक्के इरादे वाले दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

एक अख़बार ने तो यहाँ तक लिख डाला कि मोदी को गले लगाने की इस योजना को तो फरवरी में ही बनाया गया था। एक डेयरी फ़र्म का कार्टून भी चर्चा में रहा, इस कार्टून में ये आश्चर्य जताया गया था कि ये गले लगाने का प्रयास था या मोदी से भद्दा मज़ाक करने की कोशिश।

कई लोगों का मानना है कि राहुल का मोदी को गले लगाना मोदी के दौर में ‘विषैली राजनीतिक परिस्थिति’ में ‘दोस्ती की भावना’ से था। लेकिन दो दलों का दिखने वाला ये गले लगना मोदी से लिपटने से कहीं अधिक हमलावर सा दिखता है। राहुल गांधी शायद अमरीकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन से प्रेरित हो सकते हैं। उन्होंने कहा था, “अपने दोस्त को कस कर गले लगाओ, लेकिन अपने दुश्मनों को उससे भी अधिक कस कर, इतना कस कर कि वो हिल डुल भी ना सके।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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