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उत्तराखंड

बारिश ने दी चिलचिलाती गर्मी से राहत

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देहरादून में बारिश, चिलचिलाती गर्मी से राहत, तेज गर्मी से निजात, काले घने बादल, पारे में 13 डिग्री की गिरावट

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देहरादून में बारिश, चिलचिलाती गर्मी से राहत, तेज गर्मी से निजात, काले घने बादल, पारे में 13 डिग्री की गिरावट

raining

तेज हवाओं के साथ ओले पड़ने की संभावना

देहरादून। राजधानी देहरादून में रुक-रुक कर हुई हल्की बारिश ने फिलहाल तेज गर्मी से निजात दिला दी है। फिलहाल राजधानी देहरादून समेत प्रदेश में मौसम सुहावना हो गया है। काले घने बादल, बारिश और तेज हवाओं के चलने से मौसम के तापमान में भारी गिरावट आई है जिसके चलते लोगों को चिलचिलाती गर्मी से काफी राहत मिली है। प्री मानसून की बारिश से 40 डिग्री पार तक चले पारे में बारिश के बाद सोमवार को 13 डिग्री की गिरावट आई है, जिससे मौसम खुशनुमा बन गया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान एक बार फिर सही साबित हुआ है। विभाग ने दो दिन पहले पूर्वानुमान जारी किया था कि प्रदेश के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश और ओले पड़ सकते हैं।

पर्यटकों ने उठाया मौसम का लुत्फ

आगामी 36 घंटे तक हल्की बारिश, तेज हवाओं के साथ कई स्थानों पर ओले पड़ने का मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है। यानी अभी 36 घंटों को लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। फिलहाल बारिश ना होने से जहां नदियों का जल स्तर लगातार गिर रहा है प्रदेश में सूखे जैसे हालता बने हुए ऐसे में बारिश से लोगों को राहत जरूर मिलेगी। वहीं दूसरी ओर उत्तरकाशी जिले के पुष्टहारा बुग्याल क्षेत्र में आंधी से गिरे पेड़ की चपेट में आने से गूजरों के दो बच्चों की मौत हो गई। केदारकांठा से पुष्टहारा बुग्याल क्षेत्र में आंधी से गिरे पेड़ की चपेट में आने से हुई दो बच्चों की मौत से परिवार में मातम छा गया। मंगलवार सुबह से ही उत्तरकाशी में बादल छाए रहे और रुक-रुक बारिश होती रही। मौसम के इस बदलाव से तापमान में गिरावट आयी और ठंड बढ़ गई।

पिछले दो दिनों से केदारनाथ धाम में शुरू हुई झमाझम बारिश से तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। आज सुबह दस बजे तक 6973 तीर्थयात्री बाबा केदार के दर्शनों के लिए रवाना हुए। उधर, मलबा आने से ऊखीमठ-गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहा। कल राजधानी देहरादून के साथ उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश हुई। इस बारिश से मौसम में भारी गिरावट दर्ज की गई है। राजधानी सहित उत्तराखंड के कई इलाकों में मौसम सुहावना हो गया है, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है।

प्रदेश में अभी रॉनू का असर जारी रहेगा। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आगामी 36 घंटों में प्रदेश के कई हिस्सों में 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज आंधी आ सकती है। उन्होंने बताया कि अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। राजधानी में भी बारिश आ सकती है। झमाझम बारिश से पर्यटन नगरी मसूरी का मौसम सुहावना हो गया। कल शाम हुई बारिश से तापमान में खासी कमी दर्ज की गई। रात को सैलानियों ने मालरोड पर ठंडी हवाओं का जमकर आनंद लिया। शहर में सोमवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। दोपहर बाद मौसम ने करवट बदली और तेज हवाएं चलने लगी। शाम चार बजे झमाझम बारिश हुई। बारिश से मौसम में खासी ठंडक हो गई।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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