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कन्हैया की पथभ्रष्टता राष्ट्रवादी स्वीकार नहीं करेंगे : रूडी

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जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पथभ्रष्टता, राष्ट्रवादी स्वीकार नहीं करेंगे, भाजपा के सांसद राजीव प्रताप रूडी

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जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पथभ्रष्टता, राष्ट्रवादी स्वीकार नहीं करेंगे, भाजपा के सांसद राजीव प्रताप रूडी

कोलकाता| केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को एक पथभ्रष्ट बताया है। उन्होंने रविवार को यह भी कहा कि राष्ट्रवाद की कीमत पर ऐसी पथभ्रष्टता स्वीकार्य नहीं होगी। भाजपा के एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे रूडी यहां मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। रूडी ने कन्हैया कुमार को एक पल का हीरो बनाने के लिए मीडिया और विश्वविद्यालय का इस्तेमाल करने को लेकर वामदलों का उपहास उड़ाया। कन्हैया को राजद्रोह के आरोप में जेल भेजा गया था लेकिन हाल ही में उसे अंतरिम जमानत मिल गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मीडिया, विश्वविद्यालय और स्वयंसेवी संस्थानों का इस्तेमाल करके वामपंथियों ने राष्ट्रविरोधी नारे लगाने वालों का पक्ष लिया है और कन्हैया को तात्कालिक हीरो बनाने का काम किया है। लेकिन देश की जनता वामपंथियों की मंशा जानती है।”

उन्होंने कहा कि कन्हैया एक पथभ्रष्ट है और राष्ट्रवाद व राष्ट्रवादी इस पथभ्रष्टता को देश की हुकूमत का हिस्सा नहीं बनने देंगे। राजद्रोह कानून में बदलाव की मांग पर टिप्पणी करते हुए रूडी ने कहा, “जो लोग असहिष्णुता को लेकर चिल्ला रहे हैं वे राष्ट्र विरोधी हैं।” कौशल विकास एवं संसदीय मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा, “किसी भी कीमत पर राष्ट्रवाद से समझौता नहीं किया जा सकता। इसे असहिष्णुता पर होने वाली बहस के स्तर पर भी नहीं लाया जा सकता। जब लोग देश को तोड़ने की बात करते हैं, जब लोग देश के खिलाफ नारेबाजी करते हैं तो इसका असहिष्णुता पर बहस से कोई लेना देना नहीं, बल्कि यह राष्ट्रवाद का विरोध है।” उन्होंने कहा कि यह तो अदालत को तय करना है कि राजद्रोह के कानूनों में बदलाव की जरूरत है या नहीं, लेकिन जब आपके काम राजद्रोह वाले हैं तो कोई समझौता नहीं हो सकता। भाजपा के राज्य बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की संगोष्ठी को संबोधित करते हुए रूडी ने कहा कि भाजपा देश की एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जिसके आदर्श व्यक्तित्व पर आधारित नहीं हैं।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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