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आध्यात्म

उप्र के मकान ही नहीं, हर दुकान संस्थान और प्रतिष्ठान में भी प्रज्ज्वलित होगी राम ज्योति; राममय होगा पूरा वातावरण

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Ram Jyoti in Uttar Pradesh

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अयोध्या। उप्र की योगी सरकार अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में एक पर्व की तरह मनाए जाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए प्रदेशवासियों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। इसी क्रम में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद रात में वृहद स्तर पर दीपोत्सव मनाए जाने की योजना है। यह दीपोत्सव दीपावली के पर्व पर अयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव से कई गुना बड़ा होगा।

इसमें सरयू समेत सभी नदियों के तटों, मंदिरों, ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों के साथ-साथ हर मकान, दुकान, संस्थान और प्रतिष्ठान में दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। इन दीपों की लौ को राम ज्योति नाम दिया गया है। ऐसे में योगी सरकार की ओर से सभी प्रदेशवासियों से अपील की गई है कि वो सिर्फ घरों में ही नहीं, बल्कि अपने कार्यालयों और दुकानों में भी राम ज्योति को प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव पर्व का उत्सव मनाएं।

राममय होना चाहिए वातावरण

प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश और पूरी दुनिया में राम भक्त बेहद उत्साहित हैं। 500 वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान राम पूरे वैभव के साथ अपने मंदिर में विराजने जा रहे हैं। इस ऐतिहासिक अवसर को डबल इंजन की सरकार ने पूरे देश में पर्व की तरह मनाने की अपील की है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रात में हर एक देशवासी से अपने घर में दीप प्रज्ज्वलित करने को कहा गया है। इन दीप से प्रज्ज्वलित होने वाली लौ को राम ज्योति कहा जा रहा है।

इसी क्रम में अब योगी सरकार की ओर से अपील की गई है कि प्रदेशवासी सिर्फ घरों में ही नहीं, बल्कि दुकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों (होटल, फैक्ट्री, कारखाने, प्लांट आदि), कार्यालयों (सरकारी व निजी) और पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्थलों पर भी दीपोत्सव का आयोजन किया जाए। राम ज्योति के माध्यम से ऐसी आभा बिखरनी चाहिए, जिससे पूरा वातावरण राममय हो जाए। भक्ति का ऐसा माहौल बने जैसा दीपावली या किसी अन्य पर्व पर होता है। इसको लेकर योगी सरकार सभी प्रदेशवासियों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है।

ग्रीन आतिशबाजी कर सकेंगे लोग

सीएम योगी के निर्देश पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से भी सभी विभागाध्यक्षों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि 22 जनवरी, 2024 को सायंकाल हर घर, घाट और मंदिर में दीपोत्सव का कार्यक्रम किया जाए। लोगों को प्रेरित कर घर-घर, संस्थानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में भी राम ज्योति प्रज्ज्वलित कराई जाए। यही नहीं, प्रदेश के सभी कार्यालयों में 22 से 26 जनवरी तक विशेष प्रकाश की व्यवस्था की जाए। लोग घरों में भी विशेष प्रकाश की व्यवस्था कर सकते हैं।

इसके अलावा सभी सरकारी इमारतों, स्कूल, कॉलेज को भी दुल्हन की तरह सजाया जाए। इसके अलावा ये भी निर्देश दिए गए हैं कि अयोध्या में सरयू घाट पर दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा एवं इसके बाद हरी आतिशबाजी की व्यवस्था की जाएगी। योगी सरकार पर्व पर ग्रीन क्रैकर्स को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में प्रदेश भर में लोग इस ऐतिहासिक अवसर पर ग्रीन क्रैकर्स जला सकेंगे, जिससे एक बार फिर पूरा प्रदेश दीपावली की तरह रोशन हो जाएगा।

एक सप्ताह तक हर देव मंदिर में राम संकीर्तन का आयोजन

सीएम योगी के निर्देश के अनुसार मुख्य सचिव ने भी बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा एवं उच्च विभाग द्वारा 22 जनवरी को सभी स्कूलों, कॉलेजों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने के लिए निर्देशित किया है। इसके साथ ही 22 जनवरी को पूरे प्रदेश में शराब की दुकानें बंद रखने के भी निर्देश जारी करने के आदेश दे दिए गए हैं।

16 जनवरी से 22 जनवरी तक पूरे एक सप्ताह तक हर देव मंदिर में राम संकीर्तन आदि का आयोजन करने, कार्यक्रम के सजीव प्रसारण के लिए अयोध्या में 50 अतिरिक्त स्क्रीन और डिजिटल बोर्ड की व्यवस्था करने, पूरे प्रदेश के देव मंदिरों में स्क्रीन लगाकर कार्यक्रम का सजीव प्रसारण करने, सभी नगरों एवं गांवों में नगर विकास एवं पंचायतीराज विभाग के माध्यम से 14 से 21 जनवरी के मध्य विशेष सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

आध्यात्म

महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना

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महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।

16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा

लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।

सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण

उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।

जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया

बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता का भी दिया संदेश

उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।

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