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उत्तर प्रदेश

रामोत्सव 2024: भव्य मंदिर के साथ ही नव्य अयोध्या के भी दर्शन कराएगी रामनगरी, भाव विभोर हो जाएंगे भक्त

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Ramotsav 2024

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अयोध्या। भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार है। साथ ही अयोध्या भी सजकर तैयार हो रही है। जिन लोगों ने कई वर्ष पूर्व अयोध्या में श्रीरामलला के दर्शन किए होंगे वो जब नव्य दिव्य मंदिर में भगवान के नए विग्रह के दर्शन करने को आएंगे तो नव्य अयोध्या को देखकर विस्मित हो जाएंगे।

सुंदर प्रवेश द्वार, रोड पर चमचमाते सूर्य स्तंभ, म्यूरल पेंटिंग, साफ सुथरी और चौड़ी सड़कें, स्वच्छ और निर्मल सरयू, सुंदर तट, राम की पैड़ी की अलौकिक आभा, एक ही पैटर्न पर बनाई गई दुकानें नई अयोध्या के दर्शन कराएगी। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में सीएम योगी ने विगत कुछ वर्षों में अयोध्या का कायाकल्प कर दिया है। हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं को यहां धरातल पर उतारा गया है, जिसके बाद यह नगरी श्रद्धालुओं के स्वागत को तैयार है।

साफ सुथरी सड़कें कर रहीं स्वागत

अयोध्या नगरी में घुसते ही साफ़ सुथरी पक्की सड़क श्रद्धालुओं का स्वागत कर रही है। सड़क के बीच में लगे सूर्य स्तंभ, रात के अंधेरे में रामनगरी की सुंदरता को दुगुना बढ़ा रहे हैं। प्रवेश द्वार देखकर ही इस बात का एहसास हो जाता है की आप किसी दिव्य नगरी में प्रवेश कर रहे हैं। पूरे रास्ते आपको दीवारों पर भगवान राम से जुड़ी अदभुत वॉल पेंटिंग देखने को मिलेगी जो आपको श्रद्धा से सराबोर कर देगी।

स्वच्छ और निर्मल हुई सरयू

पिछली सरकारों में सरयू नदी की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं रही है, लेकिन सीएम योगी ने सत्ता में आने के बाद सरयू नदी और यहां के घाटों का कायाकल्प कर दिया है। करोड़ों रुपए खर्च कर योगी सरकार ने यहां नदी की स्वच्छता के साथ ही साफ सुथरे घाटों का निर्माण करवाया है। ऐसी व्यवस्था की जा रही है की 12 महीने सरयू का जल घाटों पर बना रहे। इसके लिए एक्सपर्ट की टीम लगी हुई है।

नदी की स्वच्छता और निर्मलता इतनी है कि किसी भी घाट पर स्नान किया जा सकता है। प्रतिदिन होने वाली सरयू आरती ने घाटों की पवित्रता को भी सुनिश्चित करने का काम किया है। अब सरकार इस पर क्रूज और बोट भी चलाने जा रही है जो श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी अलौकिक बना देगा।

लता चौक बना अयोध्या का केंद्र बिंदु

सरयू घाट से राम लला के मंदिर जाने वाले चौराहे में बड़ी सी वीणा लगी हुई है। इसे लता मंगेशकर चौक या वीणा चौक भी कहा जाता है। अयोध्या के विकास के क्रम में डबल इंजन की सरकार ने इसकी स्थापना की है। आजकल ये चौक अयोध्या का केंद्र बिंदु बना हुआ है।

यहां शासन और प्रशासन के अधिकारियों के साथ साथ नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया का भारी जमावड़ा है। जाहिर है जहां मीडिया है, वहां लोगों की भीड़ होगी ही। सैंकड़ों यूट्यूबर, रील्स मेकर यहां अपने कैमरों के साथ शूट करते दिख जाएंगे।

विशिष्ट अतिथियों के साथ ही आम लोग भी यहां वीणा के साथ सेल्फी लेने के लिए आतुर दिखाई देंगे। इसके अलावा इस समय यहां विभिन्न तरह की गतिविधियां संचालित हो रही हैं। जैसे ललित कला विभाग के छात्र यहां से लेकर राम मंदिर तक सड़क पर रंगोली बना रहे। चौराहे के आस पास चाय-नाश्ते की दुकानो के कारण यहां भारी चहल पहल है।

पर्यटकों को अपनी ओर खींच रही राम की पैड़ी

राम की पैड़ी की सुंदरता लोगों को आकर्षित कर रही है। राम की पैड़ी पुरातन अयोध्या के साथ ही नव्य अयोध्या के वैभव का भी सबसे अहम पड़ाव है। यह श्रद्धा का केंद्र तो है ही, साथ ही नदी किनारे सुकून से परिवार संग सांस्कृतिक कार्यक्रम देखते हुए वक्त बिताने का मनोरम स्पॉट भी है।

यहां आर्टिफिशियल चैनल के जरिए सरयू नदी का पानी लाया गया है तथा यह हेरिटेज सिटी के तौर पर अयोध्या के खोए वैभव को साकार करने की दिशा में सकारात्मक माध्यम बनकर उभरी है। यूपी सरकार ने 105.65 करोड़ रुपए के विभिन्न जीर्णोद्धार और विकास कार्यों को पूरा कर नव्य आभा और भव्य स्वरूप से राम की पैड़ी को सुशोभित किया है।

राम की पैड़ी सरयू नदी के किनारे स्थित घाटों की एक श्रृंखला है। यहां को लेकर ऐसी पौराणिक मान्यता है कि श्रीराम इसी पैड़ी से होकर सरयू में स्नान करने जाते थे। इन दिनों यहां विभिन्न चैनलों के स्टेज बने हुए हैं, जहां कई तरह के कार्यक्रम, लोगों के साक्षात्कार, साधु संतों से चर्चा की जा रही है। इन्हें देखते हुए यहां काफी भीड़ भी जुट रही है।

अयोध्या की छटा देख भक्त हो रहे विस्मित

हनुमानगढ़ी मंदिर के रास्ते में घुसने से पक्की सड़क, दोनों तरफ भगवा रंग में पुती हुई एक ही तरह की दुकान, यह सिलसिला श्री राम मंदिर तक बना रहता है। पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है। लगातार झाड़ू लग रही है। साफ सफाई का पूर्णतः ध्यान दिया जा रहा है।

सफाई कर्मियों को 8-8 घंटों की तीन शिफ्ट में बांटा गया है। देर रात तक सफाई कर्मी अपने काम में लगे हुए हैं। राम मंदिर के रास्ते पर जूते चप्पल और सामान रखने के लिए अलग से फ्री लॉकर है। दूर से श्री रामलला का मंदिर भव्य और दिव्य दिख रहा है। मंदिर के पास भंडारा चल रहा है।

तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल से भक्त आ रहे हैं। बड़ी तादाद में सिख भी श्रीरामलला के दर्शनों को पहुंच रहे हैं। साधु संत भक्ति में लीन हैं। माला जाप हो रहा है। राम जी के गाने बज रहे हैं। नगरी हो अयोध्या सी… गाना पूरी तरह से सही सिद्ध हो रहा है। हर पर्यटक का मन प्रफुल्लित है, रोमांचित है। वो कहते हैं, यहीं बस जाने का मन चाहता है।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ समेत पूरे प्रदेश में तैनात होंगे “डिजिटल वॉरियर्स”

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प्रयागराज/लखनऊ। महाकुम्भ 2025 में फेक न्यूज के खिलाफ अभियान चलाने, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन प्लेटफार्म पर प्रसारित करने के लिए “डिजिटल वॉरियर्स” को तैनात किया गया है। इसके लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स एवं कॉलेज के छात्रों को जोड़ा गया है। इस अभिनव पहल की सफलता को देखते हुए अब पुलिस महानिदेशक ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए समस्त विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं।

मिले सार्थक परिणाम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशा पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा वर्ष 2018 में एक सार्थक पहल करते हुए व्हाट्सएप पर सक्रिय समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को डिजिटल वालंटियर्स के रूप मे जोड़ा गया था। वर्ष 2023 में यूपी पुलिस के समस्त पुलिसकर्मियों को जोड़कर “व्हाट्सएप कम्यूनिटी ग्रुप” भी बनाए गए है, जिनकी सहायता से भ्रामक खबरों का खण्डन एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 10 लाख व्यक्ति डिजिटल वालंटियर्स के रूप में एवं लगभग 02 लाख पुलिसकर्मी कम्यूनिटी ग्रुप के माध्यम से जुड़े हुए है। इन डिजिटल वालंटियर्स के रूप में गांव, मोहल्ले और स्थानीय कस्बे के लोगों को जोड़ा गया था, जिसके सार्थक परिणाम प्राप्त हुए है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार द्वारा इसी दिशा में नवीन पहल करते हुए फेक न्यूज के खण्डन, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किए जाने के लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स एवं कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को यूपी पुलिस का “डिजिटल वॉरियर” बनाए जाने के सम्बन्ध मे प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष को महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए गए है ।

लोगों को करेंगे जागरूक

कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षित करने से इनमे आलोचनात्मक सोच को विकसित किया जा सकता है, जिससे वह किसी भी जानकारी का विश्लेषण और सत्यापन करके यूपी पुलिस के “डिजिटल वॉरियर” बनकर, साइबर क्राइम एवं फेक न्यूज़ को रिपोर्ट कर सकेंगे। साथ ही यह छात्र अपने सामाजिक दायरे में फेक न्यूज एवं साइबर अपराध के प्रति अपने परिवारीजनों एवं मित्रों को भी जागरूक कर सकेंगे ।

04 श्रेणियों में होगा चयन

1- फेक न्यूज के खण्डन एवं साइबर अपराध के प्रति सचेत करने हेतु
2- साइबर अपराध के प्रति जागरुकता हेतु
3- साइबर ट्रेनर के रूप मे
4- पुलिस के अभियानों/सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार

ऐसे किया जाएगा ट्रेन्ड

इन डिजिटल वॉरियर एवं स्कूल के छात्रों को फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम की पहचान करने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों/डिग्री कॉलेजों, स्कूलों में अथवा पुलिस लाइन्स में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

इन कार्यशालाओं में साइबर क्राइम विशेषज्ञों/ फैक्ट चेकर्स, साइबर ट्रेनर और जनपदीय साइबर थाना/ साइबर सेल को शामिल किया जाएगा, जो तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव साझा करेंगे।

जनपदीय पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय प्रबन्धन से आग्रह करके ‘साइबर क्लब’ स्थापित करवाये जाएंगे एवं एक शिक्षक को इसका नोडल अधिकारी नामित करवाया जाएगा ।

इस कार्य में शिक्षा विभाग एवं जनपद में प्रशासन से भी सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

साइबर क्लब के माध्यम से कार्यशालाएं और रचनात्मक सत्र जैसे पोस्टर बनाना, स्लोगन/लघु कहानियां लिखना, सोशल मीडिया हेतु क्रिएटिव एवं वीडियो कंटेंट बनाना इत्यादि गतिविधियां कराई जाएंगी।

कमिश्नरेट, जनपद स्तर, मुख्यालय स्तर से होगी कार्यवाही

1. डिजिटल वॉरियर का चयन करना : डिजिटल वॉरियर के रूप में केवल ऐसे व्यक्ति शामिल किए जाएंगे, जिनकी छवि स्वच्छ हो और जो विवादास्पद या नकारात्मक गतिविधियों में शामिल न हों। इस कार्य मे इच्छुक उत्तर प्रदेश के बाहर के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को भी सम्मिलित किया जा सकता है। ऐसे समस्त डिजिटल वॉरियर को परिपत्र के साथ संलग्न फ़ॉर्म को भरकर देना होगा, जिसका गूगल लिंक भी उपलब्ध कराया जा रहा है ।

2. स्वैच्छिक सहयोग और उपक्रम (अंडरटेकिंग) लिया जाना : डिजिटल वॉरियर को चयनित करने से पूर्व उनसे संलग्न फॉर्म के माध्यम से लिखित उपक्रम लिया जाएगा, जिसमें वे यह आश्वस्त करेंगे कि वह पुलिस का सहयोग कर फेक न्यूज़ का खंडन करेंगे, किसी भी प्रकार की फेक न्यूज़ का प्रसार नहीं करेंगे, किसी भी साइबर अपराध में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होंगे, किसी विवादास्पद सामग्री को पोस्ट नहीं करेंगे और भारतीय कानून के अधीन रहकर कार्य करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका सहयोग स्वैच्छिक होगा और उनकी सहमति के आधार पर होगा। यह सभी कार्य पूर्णतया अवैतनिक होगें।

3. डिजिटल वॉरियर के कार्यों का मासिक विवरण: डिजिटल वॉरियर द्वारा चिन्हित की गई फेक न्यूज, पुलिस के सराहनीय कार्यों व योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं पुलिस द्वारा किए गए खण्डन के व्यापक प्रसार का मासिक विवरण भी संकलित किया जायेगा।

4. नोडल अधिकारी की नियुक्ति: प्रत्येक जनपद में एसपी अपराध/नोडल एसपी क्राइम/डीसीपी क्राइम/ एडीसीपी क्राइम को इस कार्य एवं सोशल मीडिया अभियानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा ।

5. डिजिटल वॉरियर द्वारा दायित्वों का पालन: कार्य में रुचि न रखने वाले, अपने दायित्वों का दुरुपयोग करने अथवा स्वयं घोषणा पत्र मे उल्लिखित शर्तों का उल्लंघन करने वाले डिजिटल वॉरियर से यूपी पुलिस किसी प्रकार का कार्य नहीं लेगी।

6. डिजिटल वॉरियर का प्रोत्साहन: डिजिटल वॉरियर द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के आधार पर प्रतिबद्धता से कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर के गुणवत्तापूर्ण सोशल मीडिया कंटेन्ट को जनपदीय सरकारी सोशल मीडिया पर प्रयोग करने के साथ-साथ उनको प्रशस्ति पत्र एवं मेमेंटों इत्यादि देकर प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा । पुलिस मुख्यालय द्वारा भी इस दिशा मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर को समीक्षोपरांत प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा ।

फेक न्यूज के खिलाफ बनेंगे मजबूत दीवार

उल्लेखनीय है कि फेक न्यूज एवं साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता अभियान हेतु आयोजित कार्यशालाओं में स्कूल के छात्रों को भी सम्मिलित किया जाएगा परन्तु ‘डिजिटल वॉरियर’ के रूप मे सिर्फ कॉलेज/ विश्वविद्यालयों के छात्रों एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का चयन किया जाएगा ।

जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर ‘डिजिटल वॉरियर’ का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा और पूर्ण प्रशिक्षण के उपरांत यूपी पुलिस के ‘डिजिटल वॉरियर’ फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम के खिलाफ एक मजबूत दीवार के रूप में कार्य करेंगे।

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