प्रादेशिक
लखनऊ में रेप के दोषी को अदालत ने 4 महीने मेें सुनाई फांसी की सजा
लखनऊ। लखनऊ की एक विशेष अदालत ने सहादतगंज क्षेत्र की 6 वर्षीय बच्ची के अपहरण, रेप और हत्या के मामले में दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। दोषी का नाम बब्लू उर्फ अराफात है। विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि इस वारदात को जिस तरह से अंजाम दिया गया वह दुर्लभतम की श्रेणी में आता है और दोषी को फांसी से कम सजा नहीं दी जा सकती।
उन्होंने कहा कि जिस तरह का अपराध अभियुक्त ने किया है, उसकी सभ्य समाज में कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यदि इस अपराध के लिए उसे यह दंड नहीं दिया गया तो इसका समाज पर व्यापक रुप से गलत प्रभाव पड़ेगा। ऐसी ही घटना की वजह से समाज में लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों को स्वतंत्रतापूर्वक खेलने व व्यवहार करने की आजादी नहीं दे पा रहे हैं। जिसकी वजह से इस देश की नई पीढ़ी अर्थात छोटे-छोटे बच्चों का सर्वागींण विकास नहीं हो पा रहा है। क्योंकि वो खुलकर स्वतंत्र माहौल में अपना बचपन व्यतीत नहीं कर पा रहे हैं।
आरोपी युवक बच्ची के पिता का दोस्त था और पीड़िता उसको मामा कहती थी। 15 सितम्बर को बबलू पानी पीने के बहाने पीड़िता के घर आया था। पानी पीने के बाद बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने बबलू उसे बाहर ले गया। बच्ची की नानी ने कोर्ट के सामने इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि भी की थी। उसके दो तीन घंटे बाद आरोपी बबलू के घर में बेड के नीचे से बच्ची का शव बरामद हुआ था।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक पुराने लखनऊ में 15 सितंबर 2019 को बबलू नामक युवक ने अपनी 6 साल की भांजी से बलात्कार के बाद उसका गला काटने की कोशिश की थी लेकिन नाकाम रहने पर उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने की गोसेवा, भवानी और भोलू को खूब दुलारा
गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गोसेवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। इसी क्रम में शनिवार सुबह भी उन्होंने मंदिर की गोशाला में समय बिताया और गोसेवा की। मुख्यमंत्री ने गोवंश को गुड़ खिलाया और गोशाला के कार्यकर्ताओं को देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए। गोसेवा के दौरान उन्होंने सितंबर माह में आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश भवानी और भोलू को खूब दुलारा।
दक्षिण भारत से लाए गए गोवंश की इस जोड़ी (एक बछिया और एक बछड़ा) का नामकरण भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया था। उन्होंने बछिया का नाम भवानी रखा है तो बछड़े का नाम भोलू। मुख्यमंत्री जब भी गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर होते हैं, भवानी और भोलू का हाल जरूर जानते हैं। सीएम योगी के दुलार और स्नेह से भवानी और भोलू भी उनसे पूरी तरह अपनत्व भाव से जुड़ गए हैं। शनिवार को गोशाला में सभी गोवंश की सेवा करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भवानी और भोलू के साथ अतिरिक्त वक्त बिताया। उन्हें खूब दुलार कर, उनसे बातें कर, गुड़ और चारा खिलाया। सीएम योगी के स्नेह से ये गोवंश भाव विह्वल दिख रहे थे।
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