मुख्य समाचार
आरबीआई गवर्नर पर गैरजरूरी विवाद पैदा न करें: एसोचैम
नई दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर के ऊपर गैर जरूरी विवाद पैदा नहीं किया जाना चाहिए। यह बात एक प्रमुख उद्योग संघ ने शुक्रवार को कही। संघ ने कहा कि आरबीआई गवर्नर ने देश में आर्थिक स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने कहा कि आरबीआई ने भारत को उभरते बाजारों में सर्वोत्तम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और जब तक वर्तमान आरबीआई गवर्नर कोई गंभीर अपराध न करें, तब तक उन्हें निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।
एसोचैम ने कहा, “निश्चित रूप से आरबीआई गवर्नर पद पर किसी को नियुक्त या फिर से नियुक्त करना सरकार का विशेषाधिकार है, लेकिन जिस तरह के बयान मीडिया में दिए जा रहे हैं, वे भारतीय वित्तीय प्रणाली के बारे में शुभ नहीं हैं।” उल्लेखनीय है कि हाल के सप्ताहों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के विरुद्ध तीखी बयानबाजी की है और स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राजन को पद से हटाने की मांग की है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने हालांकि गुरुवार को राजन पर किए जा रहे व्यक्तिगत हमले की आलोचना की।
एसोचैम के बयान में कहा गया है, “राजन का विश्व स्तरीय अर्थशास्त्री के रूप में बेदाग इतिहास रहा है। वस्तु निर्यात में भारी गिरावट होने के बाद भी देश का चालू खाता घाटा में रिकार्ड गिरावट दर्ज की गई है, हालांकि इसमें आयात बिल घटने का भी योगदान रहा है। अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारतीय रुपये का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है।” बयान के मुताबिक, “जहां तक मौद्रिक नीति का मुद्दा है, सच्चाई यह है कि राजन ने रेपो दर करीब 150 आधार अंक घटाई है, जिसका फायदा बैंकों ने ग्राहकों को नहीं दिया।”
चैंबर ने कहा, “महंगाई दर पर आरबीआई के विशेष ध्यान का मुद्दा उठाया जा सकता है, लेकिन यह काम आरबीआई को वित्त मंत्रालय के साथ महंगाई दर को लक्षित करने के लिए हुए समझौते के तहत दिया गया है। आरबीआई हालांकि टिकाऊ विकास का मुद्दा उठाता रहा है।” वरिष्ठ नेताओं को संयम बरतने की सलाह देते हुए एसोचैम ने कहा कि आरबीआई गवर्नर का फिर से नियुक्त करने का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समझ और विवेक पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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