Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

लखनऊ में लैबकेम पैथलैब के पहले कैंसर स्क्रीनिंग सेन्टर का हुआ उद्घाटन

Published

on

Loading

लखनऊ। सर्वाइकल कैंसर स्त्री रोग कैंसर का सबसे प्रमुख रूप है और भारत में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण है। सर्वाइकल कैंसर से होने वाली कुल वैश्विक मौतों में से पच्चीस प्रतिशत भारत में होती हैं। 95% सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से गर्भाशय ग्रीवा (गर्भाशय या गर्भ का निचला हिस्सा, जो योनि में खुलता है – जिसे जन्म नहर भी कहा जाता है) के लगातार उच्च जोखिम वाले एचपीवी संक्रमण के कारण होता है, अगर इलाज न किया जाए।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित सुपरस्पेशलिटी डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं में से एक – लैबकेम पैथ लैब्स ने चिकित्सकों, गैर सरकारी संगठनों को निदान पर प्रशिक्षण, जागरूकता प्रदान करने के लिए लैबकेम पैथलैब “स्त्री रोग संबंधी कैंसर स्क्रीनिंग और अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र” (एलसीईजीसीएसआर) की स्थापना की है, और आम जनता और राज्य और देश भर के विभिन्न शोधकर्ताओं के सहयोग से स्त्री रोग संबंधी कैंसर की मौजूदा निदान तकनीक में सुधार करना।
यह केंद्र पूरे उत्तर प्रदेश राज्य में अपनी तरह का पहला केंद्र है जो पूरी तरह से केवल स्त्री रोग संबंधी विकारों और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर पर केंद्रित है। इसके साथ लैबकेम का लक्ष्य उत्तर प्रदेश राज्य में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता, प्रशिक्षण अनुसंधान और निदान कार्यक्रम का नेतृत्व करना है।

केंद्र का उद्घाटन डॉ. अर्चना मिश्रा, प्रोफेसर और एचओडी स्त्री रोग विज्ञान हिंद मेडिकल कॉलेज ने आबिर बायोसर्विसेज फाउंडेशन के डॉ. कौसर नेयाज़ और डॉ. निकोल मोहजेर, जो ऑस्ट्रेलियन कॉलेज ऑफ जनरल प्रैक्टिशनर्स के रॉयल फेलो हैं, के साथ किया। उन्होंने सर्वाइकल निदान के वर्तमान चरण में अपनी मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की और कैसे वे सर्वाइकल निदान को प्रगति के रूप में देखते हैं ताकि जनता तक पहुंच सके। उन्होंने महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की जांच के महत्व पर भी समान रूप से जोर दिया और आम जनता के बीच जागरूकता भी बढ़ाई क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महिलाओं के लिए न्यूनतम 70% स्क्रीनिंग की सिफारिश के बावजूद, भारत में केवल 1.9-2% महिलाएं ही सर्वाइकल कैंसर की जांच कराती हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक ’90-70-90′ लक्ष्य की रूपरेखा तैयार की है – 90% लड़कियों को 15 साल की उम्र तक एचपीवी वैक्सीन का पूरी तरह से टीका लगाया जाना, 70% महिलाओं को इस उम्र तक सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग परीक्षण से गुजरना। 35 और 45, और सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित 90% महिलाओं का इलाज किया जाना है। ये लक्ष्य सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने के वैश्विक प्रयास में मील के पत्थर का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एचपीवी टीकाकरण के लिए भारत के आह्वान की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महिलाओं के लिए न्यूनतम 70% जांच की सिफारिश के बावजूद, भारत में केवल 1.9-2% महिलाएं ही सर्वाइकल कैंसर की जांच कराती हैं।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

Published

on

Loading

लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

Continue Reading

Trending