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प्रादेशिक

आंचलिक विज्ञान नगरी में हिन्दी पर कार्यशाला का आयोजन

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आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ, राजभाषा हिन्दी पर कार्यशाला का आयोजन

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आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ, राजभाषा हिन्दी पर कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। राजधानी स्थित आंचलिक विज्ञान नगरी में आज 01 मार्च को एक हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का संचालन वी.पी.गौड, निदेशक, राजभाषा विभाग, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य सरकारी विभागों में कर्मचारियों एवं अधिकारियों को हिन्दी में अधिक से अधिक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस अवसर पर उमेश कुमार, परियोजना समायोजक आंचलिक विज्ञान नगरी, लखनऊ के साथ केन्द्र के अधिकारी एवं कर्मचारीगण मौजूद थे। वी.पी.गौड. ने बड़े ही रोचक ढंग से हिन्दी पर चर्चा करते हुए बताया कि आज हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर हिन्दी सम्मेलन व संगोष्ठियों का आयोजन पूरे देश भर में किया जा रहा है। जब तक राष्ट्र भाषा हिन्दी को अधिक से अधिक प्रयोग में नहीं लाया जायेगा तब तक देश का अपने विकास एवं एक निश्चित लक्ष्य तक पहुँच पाना मुश्किल होगा। इसलिए आज यह जरूरी हो गया है कि हम अपनी मातृभाषा का उपयोग कार्यालयों में अधिक से अधिक करें।

कार्यशाला का संचालन वी.पी.गौड, निदेशक, राजभाषा विभाग संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया गया

उन्होंने बताया कि हिन्दी में कार्य करने में आने वाली असुविधाओं को दूर करने के लिए सरकार प्रतिवद्ध है इसके अंतर्गत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं जैसे कि गैर हिन्दी भाषी क्षेत्रों से आने वाले कर्मचारियों हेतु हिन्दी सीखने का विशेष प्रशिक्षण देकर उन्हें हिन्दी में काम करने के लिए प्रेरित करना आदि। उन्होंने कार्याशाला के आरंभ में बताया कि भारत की अधिकतर जनसंख्या गांवों व कस्बों में रहती है जहाँ पर हिन्दी का बोलबाला काफी अधिक है अतः भारत सरकार की सामाजिक कल्याण से जुड़ी परियोजनाओं का लाभ उनके सच्चे हकदारों तक ले जाने हेतु राष्ट्रभाषा का अधिकाधिक कार्यालयी उपयोग आवश्यक है।

इस अवसर पर आंचलिक विज्ञान नगरी के कर्मचारियों ने राष्ट्रभाषा से जुड़े नियमों तथा रिपोर्ट आदि भरने से संबंधित अपनी कठिनाईयों के बारे में पूछा जिनका वी.पी. गौड ने सरल तथा स्पष्ट शब्दों में उत्‍तर दिया। उन्होंने विभागीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति को सभी प्रकार के सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने राजभाषा अधिनियम की धारा 3 (3) से जुड़े विभिन्न नियमों तथा हिन्दी के प्रचार-प्रसार हेतु प्रोत्साहन योजनाओं की व्याख्या की। अंत में राकेश मोहन लाल, तकनीकी अधिकारी, आंचलिक विज्ञान नगरी, लखनऊ ने सभी प्रतिभागियों एवं विशेष अतिथि वी.पी.गौड़ का इस कार्यशाला के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए आभार प्रकट किया।

उत्तर प्रदेश

आगरा में वायुसेना का मिग-29 विमान क्रैश, दोनों पायलट सुरक्षित

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आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में सोमवार को वायुसेना का मिग-29 विमान खेतों में क्रैश हो गया। गनीमत रही कि विमान के पायलट और को पायलट पैराशूट के मदद से विमान से निकलने में कामयाब रहे।

विमान ने पंजाब के आदमपुर से उड़ान भरी थी और अभ्यास के लिए आगरा जा रहा था जब यह घटना घटी। वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया जाएगा। फिलहाल घटना के कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक ये हादसा आगरा के कागारौल के सोनिगा गांव के पास हुआ, जहां वायुसेना का विमान क्रैश हो गया है। लोगों ने बताया कि एयर फोर्स का विमान खाली खेतों में गिरा था और जमीन पर गिरते ही विमान में भयंकर आग लग गई और तेज लपटें उठने लगीं। विमान में पायलट समेत दो लोग मौजूद थे। फिलहाल प्लेन क्रैश के इस हादसे से किसी जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

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