मनोरंजन
REVIEW: लव, सेक्स और धोखा का मैशप है बंदूकबाज बाबूमोशाय
निर्देशक : कुणाण नंदी
कास्ट : नवाजुद्दीन सिद्दीकी, बिदिता बाग, दिव्या दत्ता, मुरली शर्मा, जतिन गोस्वामी, श्रद्धा दास, भगवान तिवारी.
रेटिंग : 3.5 स्टार मूवी टाइप- Action अवधि-2 घंटा 2 मिनट
रिव्यू। अगर आप ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर फिल्म के फैन है और ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर की यादें ताजा करना चाहते है तो आप इस मूवी को देखने फ़ौरन जा सकते है। इस फिल्म में ‘बाबू’(नवाजुद्दीन सिद्धिकी) नाम का एक करैक्टर है जो 10 साल की उम्र से ही हत्याएं करने का काम कर रहा है। पहली हत्या उसने खाने के लिए की थी। बांके(जतिन गोस्वामी) बाबू का फैन है। वह सुपारी किलर बनने का सपना देखता है। बांके की गर्लफ्रेंड यास्मीन (श्रद्धा) बॉलिवुड रीमिक्स पर डांस करती है और उसके लिए कॉन्ट्रैक्ट लाती है। बाबू की गर्लफ्रेंड फुलवा (बिदिता) उसे खत्म कर देने के लिए कहती है।
बाबू बिहारी (नवाजुद्दीन) और बांके बिहारी (जतिन), दोनों यूपी के कॉन्ट्रैक्ट किलर्स हैं। फिल्म में दिलचस्प मोड़ तब आता है जब दोनों के टारगेट एक हो जाते हैं। यानी दोनों को किसी खास शख्स की हत्या की सुपारी मिल जाती है। दोनों यह तय करते हैं कि जो ज्यादा लोगों को मारेगा वही नंबर वन किलर कहा जाएगा। हालांकि दोनों इस बात से अनजान रहते हैं कि उनकी प्रतिस्पर्धा के बीच एक खेल और खेला जा रहा है। फिल्म में जहां गोलियों की आवाज का शोर है वहीं सेक्स सीन्स भी जमकर परोसे गए हैं।
किरदार- इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी, बिदिता बाग, दिव्या दत्ता, मुरली शर्मा, जतिन गोस्वामी, अनिल जॉर्ज, श्रद्धा दास और भगवान तिवारी जैसे कलाकार नजर आ रहे हैं। सुमित्रा ( दिव्या) और दुबे (अनिल)। दोनों नेता की भूमिका में हैं और अपने फायदे के लिए इन दोनों बंदूकबाजों का इस्तेमाल करते हैं। इस खेल में स्थानीय पुलिस भी शामिल हो जाती है। बाबू अपनी गर्लफ्रेंड फुलवा के साथ मजे में रह रहा होता है लेकिन बांके की उस पर नजर पड़ती है और वह भी फुलवा की तरफ आकर्षित हो जाता है।
स्क्रीनप्ले- इस फिल्म का स्क्रीनप्ले थोडा ढीला है और कहानी में भी ज्यादा दम नहीं है। इसके बावजूद कुशन नंदी ने अच्छी फिल्म बनाई है। नवाजुद्दीन का एक खतरनाक किलर से प्रेमी में ट्रांसफॉर्म होना भी देखते ही बनता है। जतिन ने भी प्रभावित किया है और उनकी आवाज स्क्रीन अपील को बढ़ाती है। यह कहा जाए कि बॉलिवुड ने इस फिल्म के जरिए बिदिता की खोज की है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। वह कामोत्तेजक सीन्स में तो दमदार नजर आईं ही हैं, कुछ इमोशनल फ्रेम में भी बेजोड़ दिख रही हैं। हाय रे हाय मेरा घुंघटा में घुंघराले बालों वाली श्रद्धा ने पूरा बवाल काटा है।
क्यों जाना चाहिए बंदूकबाज का निशाना बनने-
अगर आपको क्लाइमेक्स और रोमांस जैसे सीन्स भाते है तो बेशक ही आप इस फिल्म को एन्जॉय करने जा सकते है। इसके ट्विस्ट एंड टर्न्स यानी फिल्म के मोड़ जो फिल्म में आपका इंटरेस्ट बनाए रखने में मदद करते हैं। वहीं दूसरी बड़ी खूबी है फिल्म के कलाकारों की एक्टिंग जिसमें बिदिता बाग, जतिन गोस्वामी, भगवान तिवारी आपको अपने बेहतरीन अभिनय से बांध कर रखते हैं। नवाजुद्दीन की बात करें तो वह एक बेहतरीन अभिनेता हैं और यहां भी उनका काम सराहानीय है। लेकिन इस बार वह आपको चौंका नहीं पाते जिसकी वजह है उनके किरदार का खाका, जो लगभग हर फिल्म में एक जैसा होता है। यानी वैसा ही किरदार जैसा, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘बदलापुर’, ‘हरामखोर’ और ‘रघु रमन’ में था।
संगीत- इस फिल्म के संगीत इसकी कहानी की तरह थके-हारे से है पर पूरी फिल्म में सिर्फ एक गाना ‘घुंघटा’ (रीमिक्स) ऐसा है जो आपको थिरकने पर मजबूर कर देता है।
मनोरंजन
असित मोदी के साथ झगड़े पर आया दिलीप जोशी का बयान, कही ये बात
मुंबई। ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में जेठालाल गड़ा का किरदार निभाने वाले दिलीप जोशी को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स छापी गईं, जिनमें दावा किया गया कि शो के सेट पर उनके और असित मोदी के बीच झगड़ा हुआ। फिलहाल अब दिलीप जोशी ने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी है और खुलासा करते हुए बताया है कि इस पूरे मामले की सच्चाई क्या है। अपने 16 साल के जुड़ाव को लेकर भी दिलीप जोशी ने बात की और साफ कर दिया कि वो शो छोड़कर कहीं नहीं जा रहे और ऐसे में अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए।
अफवाहों पर बोले दिलीप जोशी
दिलीप जोशी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा, ‘मैं बस इन सभी अफवाहों के बारे में सब कुछ साफ करना चाहता हूं। मेरे और असित भाई के बारे में मीडिया में कुछ ऐसी कहानियां हैं जो पूरी तरह से झूठी हैं और ऐसी बातें सुनकर मुझे वाकई दुख होता है। ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ एक ऐसा शो है जो मेरे और लाखों प्रशंसकों के लिए बहुत मायने रखता है और जब लोग बेबुनियाद अफवाहें फैलाते हैं तो इससे न केवल हमें बल्कि हमारे वफादार दर्शकों को भी दुख होता है। किसी ऐसी चीज के बारे में नकारात्मकता फैलते देखना निराशाजनक है जिसने इतने सालों तक इतने लोगों को इतनी खुशी दी है। हर बार जब ऐसी अफवाहें सामने आती हैं तो ऐसा लगता है कि हम लगातार यह समझा रहे हैं कि वे पूरी तरह से झूठ हैं। यह थका देने वाला और निराशाजनक है क्योंकि यह सिर्फ हमारे बारे में नहीं है – यह उन सभी प्रशंसकों के बारे में है जो शो को पसंद करते हैं और ऐसी बातें पढ़कर परेशान हो जाते हैं।’
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