उत्तर प्रदेश
श्रावस्ती में बचाव अभियान में अदम्य साहस दिखाने वाले 7 लोगों को दी जाएगी एक-एक लाख की इनामी धनराशि
लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को श्रावस्ती में 7 जुलाई को बाढ़ में फंसे 11 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकालने वाले पीएसी के पांच जवानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने अदम्य साहस का परिचय देने वाले सभी पांच जवानों को एक-एक लाख रुपये की इनामी धनराशि देने की घोषणा की। इतना ही नहीं सीएम ने प्रशासन को बिना घबराये सही समय पर सटीक सूचना देने वाली रेखा देवी और फ्लडी पीएसी के जवान के लिए गाइड की भूमिका निभाने वाले राम उजागर को प्रशस्ति पत्र के साथ एक-एक लाख रुपये की इनामी धनराशि देने की घोषणा की।
श्रावस्ती में 7 जुलाई को बाढ़ के पानी में फंस गये थे 11 श्रमिक
श्रावस्ती में 7 जुलाई को तहसील जमुनहा की ग्राम पंचायत गजोभरी के ग्राम मोहनपुर भरथा एवं केवटन पुरवा में अचानक नेपाल से छोड़े गये पानी की जलधारा में 11 लोग फंसे गये थे। इसकी जानकारी ग्राम भरथा केवटनपुरवा की श्रमिक रेखा देवी ने बिना घबराये सही समय पर सटीक सूचना प्रशासन को दी, जिससे प्रशासन को 11 श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी व स्थिति प्राप्त हो सकी। इसके अलावा ग्राम भरथा केवटनपुरवा के राम उजागर द्वारा बचाव कार्य के लिए जा रही फ्लड पीएसी के बोट पर बैठकर उनके द्वारा पथप्रदर्शक का साहसिक कार्य किया गया। वहीं फ्लड पीएसी के पांच जवान सोनू कुमार, अमरेश कुमार सरोज, शुभम सिंह, सतीश कुमार यादव और मनोज कुमार ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए रात में ही सफलतापूर्वक बचाव अभियान को सम्पन्न किया। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेखा देवी, राम उजागर के साथ अपने प्राणों की चिंता किये बिना बचाव अभियान को सफल बनाने वाले फ्लड पीएसी के पांच जवानों को प्रशस्ति पत्र दिया। वहीं सभी 7 लोगों को एक-एक लाख रुपये की इनामी धनराशि देने की घाेषणा की।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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