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लख़नऊ में मिले सियासी हाथ, कृष्णजन्मभूमि में कौतूहल
मथुरा। हाल ही में संपन्न हुए राज्यसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल के कांग्रेस और समाजवादी प्रत्याशियों को समर्थन ने एक नए गठबंधन की उम्मीदों को जगा दिया है। मिशन 2017 के लिए किये जा रहे प्रयास यदि वास्तविक धरातल पर उतरे तो मथुरा में भारतीय जनता पार्टी की राह में भारी अड़चन आने की सम्भावना को नकारा नही जा सकता। सूबे की राजधानी लखनऊ में की जा रही इस राजनैतिक दोस्ती से मथुरा में कौतूहल बढ़ गया है। एक और जहां रालोद और कांग्रेस के नेताओं के उत्साह में वृद्धि हुई हैं, वही समाजवादी टोपी पहने साइकल सवार सहमे हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनावों में तीन बड़े दलों के बीच हुए आपसी गठजोड़ की सफलता के बाद गठबंधन के आगे तक जाने की संभावनाएं प्रबल होती नजर आ रही हैं। आगामी विधामसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल के दो विधायकों द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी कपिल सिब्बल को वोट देने की बात कही जा रही है, पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो यह एक रणनीतिक समझौता मात्र था, जिसमें लोकदल ने अपने कोटे के आठ एमएलए में समाजवादी और कांग्रेस को चार-चार वोट देने के निर्देश दिए थे।
रास चुनाव में रालोद-कांग्रेस व सपा के गठबंधन ने बढ़ाई सियासी हलचल
दरअसल पहले बहुजन समाज पार्टी ने राष्ट्रीय लोकदल को कोई महत्व नहीं दिया था। बाद में जनता दल से लोकदल का गठजोड़ बनते बनते बिगड़ गया और लोकदल बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से वार्ता में जुट गई। भारतीय जनता पार्टी में जाट नेताओं द्वारा विरोध में घिरने के बाद लोक दल का बोरिया बिस्तर यहां से भी सिमट गया तो अब रालोद ने सपा के साथ उम्मीद की अलख जला ली। इस सब के चलते रालोद कांग्रेस के भी शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में है। कांग्रेस के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो रालोद यूपीए सरकार में कांग्रेस का घटक दल था और यह गठबंधन अभी भी बरकरार है।
राजनैतिक समीक्षकों की माने तो लोकदल, समाजवादी और कांग्रेस में गठजोड़ अगर हुआ तो रालोद को स्थानीय स्तर पर जनपद की पांच विधानसभा सीटों में से चार सीटों पर चुनाव लड़वाया जा सकता है। यह सभी वह सीटें हैं जिन पर सामुदायिक आंकड़े और पुराने चुनावों के जनादेश को रालोद अपने पक्ष में बताती आई है। वहीं मथुरा-वृंदावन सीट कांग्रेस के हिस्से में दी जानी तो हमेशा की भांति निश्चित है, क्योंकि इस सीट से मौजूदा विधायक और उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता प्रदीप माथुर को हरा पाना व उनकी कुर्सी को हथिया पाना अच्छे अच्छों के लिए आसान नही होगा।
गौरतलब है की सूबे की मौजूदा सरकार अब तक जनपद में तीन विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित कर चुकी है बस उन्हें टिकट देकर औपाचरिक घोषणा ही शेष रह गई है।यदि गठजोड़ साकार रूप लेता है तो प्रत्याशियों की फेहरिस्त में बड़ा फेरबदल होना भी संभव होगा। बहरहाल जो भी हो इस गठबंधन की आहट से कांग्रेसी अत्यधिक उत्साहित नजर आ रहे हैं,तो वहीं समाजवादियों के चहरे पर शिकन की लकीरें और माथे पर पसीना भी स्पष्ट देखा जा सकता है।
राजनेतिक सरगर्मियों की सुगबुगाहट तेज होते ही जनपद में हूटर व् साइकल के झंडे लगीं कारें अब सूबे की राजधानी का रुख कर चुकी है। तो वहीँ दूसरी तरफ पंजे के समर्थकों की गाड़िया कभी नवाबों के शहर तो कभी दस जनपद का रुख करती नजर आ रहों है।इस सब के बीच हेण्डपम्प भी अपनी जमीं तराशने को चहुंओर कटिया दाल बोरवेल की खुदाई में जुत गया है।
कांग्रेस के जिलाअध्यक्ष ठाकुर सोहन सिंह सिसोदिया के अनुसार अभी आइना स्पष्ट नही है, लेकिन वह इस गठजोड़ को सूबे की राजनीति में जनपद मथुरा की दृष्टि से तीनों दलों के लिए ही फायदेमंद करार दे रहे है।जनपद में समाजवादी पार्टी के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले डा अशोक अग्रवाल ने इस पुरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। रालोद इसलिए सामने आकर कुछ बोलने को तैयार नही क्योंकि यह पार्टी दूध की जली है और छाछ भी फूंक फूंक कर पी रही है। लोकदल सूत्रों के मुताबिक़ पार्टी नही चाहती की अब अंत में उनका आखरी पत्ता चलते चलते रह जाए।
ये सियासी खेल है जनाब आगे क्या होगा ऊंट किस करवट बैठेगा कुछ भी स्पष्ट तौर पर कह पाना मुश्किल होगा। हाँ इतना तय है की अभी बहुत से फेरबदल हो सकते है जिनको लेकर नेताओं के माथे पर पसीना साफ़ झलक रहा है,बाकी दांव पेच तो आने वाले समय में ही स्पष्ट हो सकेंगे।यानी बस यही कहा जा सकता है की आगामी दिनों में बड़ी फेरबदल संभावित है जो की अभी भविष्य के गर्भ में है।
नेशनल
जम्मू कश्मीर के बडगाम में गैर कश्मीरियों पर आतंकी हमला, दो मजदूरों को मारी गोली
जम्मू। जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकियों ने गैर-कश्मीरी नागरिकों को निशाना बनाया है. घायल दो मजदूर उत्तर प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं. पिछले 30 दिनों में घाटी में गैर-स्थानीय मजदूरों पर यह तीसरा हमला है.
घायल मजदूरों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मजदूरों को गोली मारी जाने की घटना के बाद पूरे बडगाम इलाके में हड़कंप मच गया. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं.
सूत्रों ने बताया, जम्मू और कश्मीर (जेके) के बडगाम जिले में शुक्रवार शाम आतंकवादियों की गोलीबारी में दो गैर-स्थानीय लोग घायल हो गए. दोनों घायलों को तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. समय रहते इलाज कर डॉक्टरों ने घायल मजदूरों की जान बचाई. उनके प्रयासों की हर कोई सराहना कर रहा है. उन्होंने बताया कि यह घटना जिले के मगाम इलाके के पास माझामा गांव में हुई.
मिली सूचना के अनुसार, हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया. हालांकि आतंकी अभी सुरक्षा बलों की गिरफ्त से बाहर हैं. सुरक्षा बल उनकी तलाश के लिए चप्पे-चप्पे में जुटे हुए हैं. बडगाम के हर इलाके में आतंकियों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.
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