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अन्तर्राष्ट्रीय

इटली के रक्षा मंत्री पर रूस के वैगनर ग्रुप ने रखा 1.5 करोड़ डॉलर का इनाम

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Italy Defense Minister Guido Crosetto

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रोम/मास्को। इटली की खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि रूस के वैगनर ग्रुप ने इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो पर 1.5 करोड़ डॉलर (करीब 123 करोड़ रुपये) का इनाम रखा है। इटली के एक न्यूज पेपर ने खूफिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह दावा किया है।

इसके बाद इटली के रक्षा मंत्री की सुरक्षा को कड़ी करने की मांग उठ रही है। हालांकि रक्षा मंत्री ने धमकी के बावजूद अपनी सुरक्षा बढ़ाने से इनकार कर दिया है।

क्या है वजह

बता दें कि इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने रूस के वैगनर ग्रुप की आलोचना की थी और कहा था कि अफ्रीकी देशों से पलायन बढ़ने की वजह रूस के वैगनर ग्रुप की हाइब्रिड लड़ाई की रणनीति का हिस्सा है।

इटली ने कहा कि यूक्रेन का समर्थन करने के लिए रूस द्वारा ऐसा किया जा रहा है। हालांकि वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि पलायन संकट क्यों बढ़ रहा है, वह इसके बारे में नहीं जानते और ना ही उन्हें इसकी परवाह है।

हालांकि उन्होंने कहा कि इटली के रक्षा मंत्री को अन्य मामलों पर फोकस करना चाहिए। प्रिगोझिन ने इटली के रक्षा मंत्री के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल भी किया।

गुइडो क्रोसेटो ने कहा था कि अफ्रीकी तटों से पलायन करने वाले प्रवासियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। यह साफ तौर पर वैगनर ग्रुप की हाइब्रिड लड़ाई की रणनीति है और वह अफ्रीका के कुछ देशों में अपनी ताकत के दम पर ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि यूरोपीय यूनियन, नाटो और पश्चिमी देशों में साइबर हमले भी यूक्रेन युद्ध का हिस्सा हैं।

अफ्रीकी देशों में है वैगनर ग्रुप का प्रभाव

बता दें कि रूस के भाड़े के सैनिकों का संगठन वैगनर ग्रुप काफी ताकतवर माना जाता है और कई अफ्रीकी देशों जैसे लीबिया, माली और मध्य अफ्रीकी देशों में इसकी प्रभावी मौजूदगी है। यूक्रेन के बख्मुत शहर पर कब्जे की कोशिश भी वैगनर ग्रुप द्वारा की जा रही है और यूक्रेन में कई मोर्चों पर लड़ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो रूस यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन के मुखर समर्थक रहे हैं। इटली ने यूक्रेन की मदद के लिए नया हथियार पैकेज भी दिया और नागरिक और सैन्य आपूर्ति के लिए मदद का एलान किया था।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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