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उत्तर प्रदेश

संभल जामा मस्जिद विवाद : मस्जिद के सर्वे से नाराज भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव

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संभल। संभल की जामा मस्जिद विवाद को लेकर रविवार को लोगों का गुस्सा भड़क उठा। मस्जिद के सर्वे से नाराज भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने भी भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं। पथराव की घटना हुई जब एक सर्वेक्षण टीम मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए शाही जामा मस्जिद पहुंची। पुलिस ने स्थानीय लोगों से सर्वेक्षण टीम के पहुंचने पर पथराव न करने की अपील की है। पथराव के बाद पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।

डीएम और एसपी मौके पर मौजूद

दरअसल, आज एक बार फिर संभल की जामा मस्जिद में सर्वे का काम किया जा रहा है। इसी बीत सर्वे को लेकर भीड़ आक्रोशित हो गई और इसके बाद संभल में तनाव का माहौल है। इस बीच पुलिस और भीड़ के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने मोर्चा संभाला हुआ है। वहीं आक्रोशित भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। डीएम और एसपी आक्रोशित भीड़ को समझाने के लिए पहुंचे तो आक्रोशित भीड़ ने नारेबाजी की। वहीं हंगामा कर रही आक्रोशित भीड़ पर बमुश्किल काबू पाने में एसपी और डीएम जुटे हुए हैं।

जामा मस्जिद का यह है मामला

हिंदू पक्ष की ओर से न्यायालय में जो वाद दायर किया गया है। उसमें उन्होंने हरिहर मंदिर होने का दावा किया है। न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया है। मंगलवार को कोर्ट कमिश्नर ने मस्जिद पहुंचकर सर्वे भी किया था। करीब दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी। कोर्ट कमिश्नर 29 नवंबर को न्यायालय में रिपोर्ट पेश करेंगे। इस सर्वे के बाद से जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस वाद को दायर करने में वादीगण में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, पर्थ यादव, महंत ऋषिराज गिरि, राकेश कुमार, जीतपाल सिंह यादव, मदनपाल, वेदपाल और दीनानाथ शामिल हैं। हरिशंकर जैन के बेटे विष्णु शंकर जैन इस मामले में अधिवक्ता के तौर शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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