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प्रादेशिक

समलूर का ‘मुर्गा’ बना चैंपियन

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एकान्त प्रिय चौहान

रायपुर/दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ की संस्कृति और पारंपारिक खेल अपने आप में अनोखे हैं। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले के गीदम में हुए मुर्गा मुकाबले का दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया। इस मुकाबले में समलूर का ‘मुर्गा’ चैंपियन बना।

ये मुकाबला वास्तविक मुर्गो के बीच न होकर मुर्गा बने दो व्यक्तियों के बीच होता है। इसमें एक व्यक्ति मुर्गा बनता है और उसका सहयोगी उसे अपने कंधों पर उठाए रहता है। वहीं प्रतिद्वंद्वी भी इसी तरह मुकाबले के लिए तैयार होता है। हू-ब-हू मुर्गो की तर्ज पर इनके बीच मुकाबला होता है। इसमें जो धराशायी हुआ, वह हारा।

गीदम में बीते गुरुवार को हुए मुकाबले में समलूर का मुर्गा चैंपियन बना। उसके चैंपियन बनते ही गीदम स्थित बड़े पनेड़ा स्टेडियम में रोमन कोलाजियम जैसा ²श्य ग्रामीण खेल प्रतियोगिता के दौरान दर्शकों ने देखा।

समलूर और बड़े पनेड़ा के मुर्गो के बीच हुए मुकाबले ने दर्शकों के बीच बेहद रोचकता पैदा की। अंत में समलूर का मुर्गा सभी दांव-पेच आजमाते हुए जीतने में सफल रहा। खुशी का आलम यह था कि मुर्गे के मालिक को समलूर वासियों ने हाथोंहाथ उठा लिया और मैदान का वैसा ही चक्कर लगाने लगे, जैसे वल्र्ड कप जीतने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने सचिन तेंदुलकर को उठाकर पूरे ग्राउंड का चक्कर लगाया था।

शाम छह बज चुके थे, लेकिन जनता का उत्साह कम नहीं हुआ था। मैच आठ बजे तक चलना था। ग्रामीण खेलों में सबसे ज्यादा उत्साह मुर्गा लड़ाई का देखने में आया। जब समलूर और बड़े पनेड़ा के मुर्गे का मुकाबला हो रहा था तो सर्किल में पैर रखने की जगह नहीं थी। बाद में आए दर्शक के लिए इस भीड़ को चीर कर अंदर घुस पाना किसी तरह से भी संभव नहीं था।

लोगों का उत्साह शानदार एंकरिंग की वजह से भी बढ़ गया। एंकर मुर्गे के हर दांव-पेच के बारे में विस्तार से और अपनी सुंदर भाषा में लोगों को बताते रहे। जैसे-जैसे मुकाबला बढ़ता गया, लोगों की तालियां और उत्साह बढ़ने लगा।

इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य चैतराम अटामी, गीदम जनपद पंचायत अध्यक्ष सुदराम भास्कर, डीएसपी विवेक शुक्ला एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने की गोसेवा, भवानी और भोलू को खूब दुलारा

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गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गोसेवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। इसी क्रम में शनिवार सुबह भी उन्होंने मंदिर की गोशाला में समय बिताया और गोसेवा की। मुख्यमंत्री ने गोवंश को गुड़ खिलाया और गोशाला के कार्यकर्ताओं को देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए। गोसेवा के दौरान उन्होंने सितंबर माह में आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश भवानी और भोलू को खूब दुलारा।

दक्षिण भारत से लाए गए गोवंश की इस जोड़ी (एक बछिया और एक बछड़ा) का नामकरण भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया था। उन्होंने बछिया का नाम भवानी रखा है तो बछड़े का नाम भोलू। मुख्यमंत्री जब भी गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर होते हैं, भवानी और भोलू का हाल जरूर जानते हैं। सीएम योगी के दुलार और स्नेह से भवानी और भोलू भी उनसे पूरी तरह अपनत्व भाव से जुड़ गए हैं। शनिवार को गोशाला में सभी गोवंश की सेवा करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भवानी और भोलू के साथ अतिरिक्त वक्त बिताया। उन्हें खूब दुलार कर, उनसे बातें कर, गुड़ और चारा खिलाया। सीएम योगी के स्नेह से ये गोवंश भाव विह्वल दिख रहे थे।

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