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धन्य हैं “धन” के इस दौर में ”सरस्वती” के नए साधक-संपादक…

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आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति की ओर से रायबरेली में मनाए जाने वाले आचार्य स्मृति दिवस 2020 के अवसर पर इस वर्ष का प्रतिष्ठित डॉ राम मनोहर त्रिपाठी लोक सेवा सम्मान 40 वर्ष बाद इंडियन प्रेस प्रयागराज से पुनर प्रकाशित हुई सरस्वती पत्रिका के संपादक प्रोफ़ेसर देवेंद्र कुमार शुक्ला एवं अनुपम परिहार को संयुक्त रुप से समर्पित किया गया।

प्रोफ़ेसर देवेंद्र कुमार शुक्ला

कार्यक्रम में प्रोसेसर सुख अपरिहार्य कारणों से उपस्थित नहीं हो पाए। सरस्वती के सहायक संपादक अनुपम परिहार प्रयागराज से कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पहुंचे थे। उन्होंने ही प्रोफेसर देवेंद्र शुक्ल का प्रतिनिधित्व भी किया। समिति के पदाधिकारियों ने सम्मान पत्र व प्रतीक चिन्ह एवं अंगवस्त्र के साथ ही सम्मान राशि प्रदान की।

सरस्वती के सहायक संपादक अनुपम परिहार

प्रोफ़ेसर देवेंद्र शुक्ला की सहमति से  अनुपम परिहार ने सम्मान के साथ दी गई धनराशि इंडियन प्रेस प्रयागराज के प्रबंधक सुप्रतीक घोष को सौंप दी। प्रधान संपादक देवेंद्र शुक्ला और सहायक संपादक अनुपम परिहार ने “सरस्वती” का संपादन अवैतनिक स्वीकार किया है। परिहार इसके पहले भी  प्रयागराज में एक व्याख्यान  में प्रतिभाग  करने पर  मिली धनराशि  इंडियन प्रेस को सौंप चुके हैं।

सरस्वती के संपादन के एवज में प्रधान संपादक एवं सहायक संपादक को “लक्ष्मी” स्वीकार नहीं है। हिंदी भाषी समाज में सरस्वती और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी एक-दूसरे के पर्याय और पूरक माने गए हैं। आचार्य द्विवेदी ने सरस्वती के संपादन से प्राप्त धनराशि काशी नागरी प्रचारिणी सभा को दान में दे दी थी। हम भी आचार्य द्विवेदी की उसी परंपरा का पालन करने का पूरा प्रयास करेंगे।

 

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पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान

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नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।

बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन

पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।

अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी

 

पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।

पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स

 

पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।

लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई

अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।

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